सरकार बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने की कितने ही दावे क्यों ना करे लेकिन हकीकत क्या है यह इन लोगों की भीड़ बता रही है। इनकी हाथों में पकड़ी तखितयां और पोस्टर इनके दर्द को बयां करने के लिए काफी है। ये नॉएडा एक्सटेंशन के आरजी लक्ज़री होम के बायर्स है जो गांधी गिरी स्टाइल में अपना दर्द सुनाने आएं है। 2010 में शुरू इस प्रोजेक्ट को पूरा कर बिल्डर के वादे के अनुसार ग्राहकों को 2015 तक घर मिल जाना चाहिए था। लेकिन अब इन्हे ना तो घर मिल रहा है और बिल्डर मुलाकात करने को तैयार है। लिहाज़ा अब ये नॉएडा से दिल्ली आ गए। और बिल्डर के घर पर आये दिन प्रदर्शन करते है। इनमें छोटे छोटे बच्चों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन इन्हे यहाँ भी निराशा ही हाथ लग रही है। यहाँ भी बिल्डर राजेश गोयल इनसे मिलाने तक को तैयार नहीं है।
आरजी लक्ज़री होम में घर बुक करवाने वाले लोगों की संख्या 1660 है जो घर मिलने का इन्तजार कर रहे है। अपने जीवन की जमा पूंजी लगा चुके इन लोगन का सपना कब पूरा होगा या होगा भी या नहीं इन्हे नहीं मालूम। प्रोजेक्ट का काम पिछले 3 साल से बंद है। ये रेरा से लेकर राज्य सरकार तक सब जगह गुहार लगा चुकें है लेकिन इनकी कहीं कोइ सुनवाई नहीं हो रहे है। मुख्य मंत्री योगी से भी ये पांच बार मिल चुकें है ।
नॉएडा एक्सटेंशन में स्थित आरजी लक्ज़री होम इसका एक और उदाहरण है की बेशक मोदी और योगी सरकार बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लाखों दावे करें, लेकिन हकीकत यही है की आज भी ग्राहक अपना सब कुछ लूटाकर भी बेबस है और बिल्डर सब कुछ लूटकर भी मनमानी के साथ मौज कर रहा है। ऐसे में इन लोगों के अच्छे दिन कब आएंगे कहना मुश्किल है।