उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजुरी खास इलाके में एक चार साल की मासूम छात्रा की चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से मौत हो गई। मृतक छात्रा का नाम इशु शर्मा है। इशु अपने पिता के साथ बाईक पर बैठ कर जन्माष्टमी के कार्यक्रम में जा रही थी उसी दौरान चाइनीज मांझे ने इशु की गर्दन काट दी।जगप्रवेश अस्पताल में इशु की मौत हो गई।
मृतक इशु अपने परिवार के साथ सोनिया विहार इलाके में रहती थी। इशु एल .के .जी की छात्रा थी और जन्माष्टमी के पर्व पर शाम को अपने पिता के साथ मंदिर जा रही थी जैसे ही पिता खजुरी खास फ्लाई ओवर के पास पहुचें तभी इशु बड़ी जोर –जोर से चिल्लाने लगी। पिता ने बाईक रोक कर देखा तो बेटी की गर्दन से खून बह रहा था तभी वह अपनी बेटी को लेकर पास ही के जग प्रवेश अस्पताल पंहुचा जहां इलाज के दौरान इशु ने दम तोड़ दिया.
दिल्ली में आम टूर पर भी लोग पतंग बाज़ी करते है और अधिकांश लोग पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते । क्यूकि ये चाइनीज माँझा बड़ी ही आसानी से हमें बाज़ार में मिल जाता है हालांकि ये और बात है की ये प्रतिबन्धि है यांकी के इस पर रोक लगी हुई है लेकिन उसके बाबजूद भी धड़ल्ले से मार्किट में चाइनीज माँझा बिक रहा है और सम्बंधित विभाग आँख मूद कर बैठा हुआ है। और चाइनीज मांझे से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रही है।
दिल्ली में ये एफ्ली घटना है जब एक मासूम छात्रा इस चाइनीज मांझे की शिकार हुई है। जबकि कुछ ही दिनों पहले गीता कालोनी फिलाई ओवर के ऊपर भी एक बाईक सवार की चाइनीज मांझे से गर्दन कटने के बाद दर्दनाक मौत हो गई थी। लेकिन उसके बाबजूद भी चाइनीज माँझा मार्किट में खुले आम बिकता है सवाल है की कब तक ये चाइनीज माँझा लोगों को दर्दनाक मौत देता रहेगा।क्या अब तक हुई मौतों को हम रोक सकते थे। ये किस की जबाब देही है। कौन है इन मौतों का ज़िम्मेदार