करोडो रुपये खर्च करने के बाद भी नार्थ एमसीडी फिर से ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त परीक्षा में फ़ेल हो गयी है। दिल्ली दर्पण टीवी पर आपने खबर देखी कि किस तरह नार्थ एमसीडी हाथों में लट्ठ लेकर लोगों की शौच पर पहरा दे रही थी। एमसीडी ने ओडीएफ सेर्टिफिकेट लेने के लिए पूरी ताकत लगा दी। लेकिन अब स्थिति ये है की वो पहरा हटा लिया गया है, जगह जगह लगाए गए टॉयलेट गायब होने लगाए है और जो हैं वो बदहाल हैं। लिहाज़ा अब बड़ी तादाद में लोग फिर से खुले में शौच कर रहे है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि एमसीडी की ये सख्ती क्या केवल स्वच्छता सेर्टिफिकेट के लिए ही थी
वज़ीर पुर ये तसवीरें तो आपको याद होंगी। किस तरह नार्थ एमसीडी हाथों में लट्ठ लेकर लोगों की शौच पर पहरा दे रही थी। लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए एमसीडी ने पूरी ताकत लगा दी थी। एक तरफ एमसीडी अधिकारीयों और कर्मचारियों की फ़ौज लट्ठ लेकर खड़ी थी तो दूसरी तरफ जगह जगह टॉयलेट बनाये गए थे।
लेकिन अब ज़रा नजर इन तस्वीरों पर डालिये। लोग खुली आम खुले में शौच कर रहे है। दिल्ली आज तक ने जगह जगह रियलिटी चेक किया तो समय आया की चाहे वह रेलवे लाइन हो या डीडीए के पार्क या फिर नहर किनारा। जहाँ तक नजर जाती है लोग सामूहिक रूप से शौच कर रहे है । इनकी तादाद और तरिका देखकर कौन कह सकता है की यह हाल देश की राजधानी दिल्ली का है ।
अब सबको खुले में शौक करने की पूरी आज़ादी है। जो टॉयलेट्स बनाये गए थे उनकी हालत भी खस्ता है। कितने ही टॉयलेट्स गायब हो गए है। जो हैं उनमें दरवाजे नहीं है , नल नहीं है और पानी की टंकी तक गायब है। जिनमें सब कुछ ठीक ठाक है उनमें पानी नहीं है। यहाँ के लोगों का मानना है की वे मजबूरी में खुले में शौच कर रहे । एमसीडी हमें गलत बता रही है लेकिन उनकी नियत में खोट ।