रटने से केवल मशीन बनोगे और समझोगे तो सफल बनोगे , 3 इडिएट फिल्म के इस मशहूर डायलॉग को सच साबित करते ये बच्चे हैं कराला के पराग ज्योति स्कूल के छात्र , जिन्होंने अपनी समझ और टीचर्स की सलाह से वेस्ट मटेरियल से साइंस के ऐसे ऐसे प्रोजेक्ट बना दिए जिसे देखकर बड़े भी दातों तले उँगलियाँ दबाने को मजबूर हो जाएं। यकीन नहीं हो रहा है तो अतिथियों का स्वागत करते इस मशीन को देखिए। यही नहीं विंड टरबाइन हो या हाइड्रो प्रोजेक्ट, वाटर हार्वेस्टिंग हो या मानव शरीर की संरचना, सोलर सिस्टम हो या सूर्य के अंदरूनी हिस्सों की जानकारी, इतनी छोटी सी उम्र में ही इन बच्चों कबाड़ से इन मॉडलों को तैयार कर साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी भी चीज की मोहताज नहीं होती। स्कूल की प्रिंसिपल चंद्रमणि ने बताया कि प्रैक्टिकल होना बहुत जरुरी है और पराग ज्योति स्कूल उसके लिए हमेशा तत्पर है ।
बच्चो की लगन, मेहनत और प्रतिभा को देखकर को देखकर अभिभावक भी काफी खुश दिखाई पड़े। बच्चों की प्रतिभा को देखकर मुख्य अतिथि दलबीर कराला इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सभी स्कूलों में साइंस एक्जीबिशन आयोजित कराने की सलाह दे डाली। इसके साथ ही उन्होंने स्कुल के एक दिव्यांग छात्र के इलाज और पढ़ाई का जिम्मा भी ले लिया।