-ब्यूरो, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली हिंसा अब तक कई ज़िंदगियों को निगल चुकी है फिर चाहे प्रर्दशनकारी हो ,जनता हो या पुलिस कर्मी हो मौतों का आंकड़ा 20 तक पहुंच चूका है , दिल्ली हिंसा में हेडकॉन्स्टेबल रतन लाल की गोली लगने से मौत हुई थी. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ. पहले खबर आई थी कि रतन लाल की मौत पथराव में हुई, लेकिन ऑटोप्सी में साफ हुआ कि उनके शरीर में एक गोली फंसी थी.पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यह गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी. पोस्टमार्टम के बाद गोली को बाहर निकाल दिया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यह गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी. पोस्टमार्टम के बाद गोली को बाहर निकाल दिया गया है. अब साफ हो गया कि रतन लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अब तक इस मामले में 20 लोगों की मौत हुई है, जिसमें हेडकॉन्स्टेबल रतन लाल शामिल है. माना जा रहा था की पत्थरबाजी की ऐसी घटना में ही हेडकॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी. लेकिन उनके शरीर में एक गोली फंसी थी. हेड कांस्टेबल रतन लाल गोकलपुरी के एसीपी ऑफिस से तैनात थे. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जमकर झड़पें हुईं. भीड़ ने घरों, दुकानों, पेट्रोलपंपों और सार्वजनिक संपत्ति में आग लगा दी. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थक और विरोधियों ने एक-दूसरे पर खूब पथराव किया और गोलियां चलीं.
उनके अलावा विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश के दौरान शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित शर्मा सहित कई पुलिस कर्मी घायल हो गए. अमित शर्मा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इस बीच राजस्थान के सीकर में पुलिस हेडकॉन्स्टेबल रतनलाल का परिवार धरने पर बैठ गया है. परिवार की मांग है कि रतन लाल को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाए. जब तक रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. देखिये हमारी यह खास रिपोर्ट