पुनीत गुप्ता , दिल्ली दर्पण
दिल्ली। आउटर डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टाफ ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था जो की लूट और स्नैचिंग में माहिर थे , यह आरोपी जो थाना रानी बाग की घटनाओं में शामिल थे। इन मामलों से संबंधित मामले की संपत्ति और लुटे गए पैसे से खरीदी गई एक लक्जरी एसयूवी कार बरामद की गई है। गिरफ्तार अभियुक्त विशाल उर्फ़ रिंकू और वरुण उर्फ़ शेरू पहले से ही दिल्ली पुलिस के निशाने पर थे क्योंकि उनको 2010 में थाना प्रशांत विहार, दिल्ली में मकोका के तहत उनके संगठित आपराधिक गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 2019 में बरी कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने फिर से अपराध करना शुरू कर दिया।
बाहरी जिला डॉ ए.कॉन के ने बताया कि 19 जुलाई को जब थाना क्षेत्र रानी बाग़ में घर के बाहर खड़े एक व्यापारी से दो मोटरसाइकिल सवार आरोपियों ने 9 लाख छीन लिए और फरार हो गए । इस मामले में रानी बाग़ पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर भी दर्ज की गयी , और कुछ दिनों बाद एक मामला और सामने आया , कोशिशों के बावजूद पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला ।
इन घटनाओं की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए, स्पेशल स्टाफ / आउटर डिस्ट्रिक्ट को अभियुक्तों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने और मामलों को सुलझाने का काम सौंपा गया था। इस प्रकार, आरोपी व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए एसीपी ऑपरेशंस के नेतृत्व में विशेष स्टाफ / बाहरी जिला की एक टीम गठित की गई थी।दोनों आरोपियों को विशेष स्टाफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार किये गए आरोपियों की पहचान विशाल शर्मा उर्फ़ रिंकू और वरुण उर्फ़ शेरू के रूप में हुई है जो सोनीपत में रहते है
पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों आरोपी आदतन अपराधी हैं, जो स्नैचिंग और डकैती आदि जघन्य अपराधों में शामिल थे। दोनों आरोपियों को उनके आपराधिक रिकॉर्ड के कारण पीएस प्रशांत विहार में वर्ष 2010 में मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये दोनों 2019 तक जेल में रहे क्योंकि यह मकोका मामला 2019 में समाप्त हो गया था। इनकी मुख्य उद्देश्य दिन के उजाले में लूट और स्नैचिंग को अंजाम देना होता था जिसमे ज्यादातर नकदी, आभूषण और महिलाओं से छीने गए पर्स हैं।
आरोपी वरुण उर्फ़ शेरूवास का जन्म सोनीपत, हरियाणा में हुआ था। अपने पिता की मृत्यु के बाद, आरोपी टैक्सी चलाने लगे। इस दौरान, वह 2008 में विशाल के संपर्क में आया और आसान पैसा कमाने के लिए आपराधिक गतिविधियाँ शुरू की। उसने अपने सहयोगी विशाल के साथ मिलकर दिल्ली के रिहायशी इलाकों के लोगों की चेन और नकदी छीनने और डकैती के लिए निशाना बनाया। 2010 में, सहयोगी विशाल के साथ, दिल्ली के रोहिणी जिले के PS प्रशांत विहार में MCOCA के तहत मामला दर्ज किया गया था और बाद में वर्ष 2019 में बरी कर दिया गया था। कथित तौर पर वरुण स्नैचिंग / डकैती के कुल 21 मामलों में शामिल है।