देश में कोरोना महामारी ने पिछले 5 महीनों में भारतीय खुदरा व्यापार को लगभग 19 लाख करोड़ रुपये के व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा है जिसके परिणामस्वरूप घरेलू व्यापार में इस हद तक उथल- पुथल हुई है कि लॉक डाउन खुलने के 3 महीने के बाद भी देश भर में व्यापारी बड़े वित्तीय संकट, और दुकानों पर ग्राहकों के बहुत कम आने से बेहद परेशान हैं जबकि दूसरी तरफ व्यापारियों को अनेक प्रकार की वित्तीय जिम्मेदारियों को भी पूरा करना है वहीँ ई कॉमर्स कंपनियां गैर अनुमति वाली वो सब तरीके अपना रही हैं जिससे देश के व्यापारियों को व्यापार से बाहर किया जा सके !
रिटेल बाजार में पैसे का संकट पूरी तरह बरक़रार है ! नवम्बर -दिसंबर के दिए हुए माल का भुगतान जो फरवरी -मार्च तक आ जाना चाहिए था वो भुगतान अभी तक बाज़ार में नहीं हो पाया है जिसके कारण व्यापार का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है !
कनफेडेरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह आंकड़े जारी करते हुए बताया की देश भर में रिटेल बाज़ार विभिन्न राज्यों के 20 प्रमुख शहरों से आँका जाता है क्योंकि यह शहर राज्यों में सामान वितरण का बड़ा केंद्र हैं ! इनमें दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, हैदराबाद, चेन्नई, नागपुर