Saturday, May 18, 2024
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दिल्ली निगम में नेताओं का ‘हल्ला’, क्षेत्रों में समस्याओं का ‘हो-हल्ला’

डिंपल भारद्वाज, संवाददाता

दिल्ली में निगम कर्मचारियों का वेतन इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। निगम कर्मचारियों को पिछले 6 महिने से तनख्वा नहीं मिली जिसकी वजह से पिछले लंबे समय से निगम कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। ऐसा नहीं है की इनकी परेशानी कोई सुन नहीं रहा हो सत्ताधारी बीजेपी से लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी इनके लिये यूं तो लड़ाई कर रही है। लगातार निगम कर्मचारियों के वेतन की मांग कर रही है। यहां तक कांग्रेस दल भी निगम कर्मचारियों के वेतन को लेकर गंभीर दिख रहा है।

लेकिन जब वास्तविक तौर पर काम करने की बात आती है तो निगम कर्मचारियों के वेतन की बात होती है और ना ही कोई पार्टी चर्चा होने देना चाहती है। इस बात का जीवन्त सबूत बीते मंगलवाल को नॉर्थ एमसीडी के सदन में देखने को मिला। जहां सदन शुरु तो इसी उम्मीद के साथ हुआ था की निगम कर्मचारियों के वेतन पर एक गंभीर चर्चा होगी कई विचार रखे जाएगें। और किसी भी सुरत में वेतन के इंतज़ाम का बंदोबस्त हो जाएगा। लेकिन हुआ केवल हंगामा, आम आदमी पार्टी का हंगामा सत्ताधारी  बीजेपी का हंगामा, कांग्रेस पार्टी का हंगामा । 

सदन की शुरुआत तो काफी शांती से हुई लेकिन जैसे ही चर्चा की बात  आई तभी नेता विपक्ष विकास गोयल एमएस के मुद्दे पर लगाये शोर्ट नोटिस के जवाब को लेकर भड़क गये। और सदन में खूब हो हंगामा हुआ। नेता विपक्ष कुछ बोले और पार्टी के अन्य पार्षद बीच में ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। विकास गोयल के साथ अजय शर्मा, सुजीत पवार,राकेश, नीरज एल्डर मैन,रविंद्र भारद्वाज ने सदन में जमकर उत्पात मचाया जिसका खामियाज़ा उन्हें तीन सदन तक के लिये सस्पेंड होकर भुगतना पड़ा।

वहीं दुसरी ओर कांग्रेस पार्टी के नेता तीखे तेवर में निगम कर्मचारियों के वेतन पर चर्चा करने पर अड़े रहे। और ये साफ तौर पर कहा की आज चर्चा होगी तो केवल निगम कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे पर ही होगी। कांग्रेस दल की महिला निगम पार्षदों (पुनम बागड़ी, गुड्डी देवी, सीमा ताहीर) ने हाथों में तख्ती लेकर अपना गुस्सा ज़ाहीर किया इन तख्तियों पर लिखा था निगम में लोकतंत्र बहाल करो, पार्षदों को बोलने का मौका दो लेकिन मौका तो दूर की बात है जब कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल बोलने के लिये उठे तो हो हल्ला और ज्यादा बढ़ गया। लेकिन मुकेश गोयल फिर भी अपनी बात रखने का प्रयास करते दिखे। लेकिन जब पानी सर से उपर गया तो मुकेश गोयल भी अपने दल की महिला पार्षदों के साथ सदन की ज़मीन पर जा बैठे।

अब बारी थी बीजेपी पार्षदों की वो भला किस लिये पिछे रहते कोई मौका तो उनका भी तलाशना था। बस फिर क्या था बीजेपी पार्षद और नॉर्थ एमसीडी के महापौर की नजर वैल में बैठी महिला कर्मी पर गई जो हंगामे की वजह से अपनी सीट से उठकर दूर खड़ी हो गयी। जिस पर महापौर ने आम आदमी पार्टी के पार्षदों पर  महिला कर्मी के साथ दुर्व्यव्हार का आरोप लगाया। और तुरन्त अपनी महिला निगम पार्षदों को इसका विरोध करने को कहा बस फिर क्या था बीजेपी की महिला मोर्चा ने भी प्रदर्शन करने और हो हल्ला करना शुरु कर दिया। कुल मिलाकर तस्वीर यही साफ हुई की मंशा सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर चर्चा होने ही नहीं देना चाहती क्योंकी अगर चर्चा होती है तो थू थू बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों की होगी ।

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