Monday, November 18, 2024
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दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का हल्ला बोल ,आंदोलन शान्ति पूर्वक, पर लोगों की आफत

राजेंद्र स्वामी, दिल्ली दर्पण टीवी 

बाहरी दिल्ली। किसान बिल के विरोध में पंजाब और हरियाणा के  किसानों ने हल्ला बोल का ऐलान कर दिल्ली कूच का ऐलान कर अंदोलन का ऐलान कर दिया। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने किसानों को रोकने के लिए जगह जगह इंतजाम कर दिए। दिल्ली हरियाणा बोर्डेर के सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर आदि पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किये लेकिन किसान दिल्ली आने पर डटे रहे। किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम भी किया लेकिन किसानों को रोकने में वे भी नाकाम साबित होते नजर आये।

किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी  हुयी जिसे देखते हुए पुलिस आंसू गैस के गोले भी दागे। बहादुर गढ़ और दिल्ली सीमा के अलावा सोनीपत और दिल्ली सीमा पर बड़ी संख्या में किसान डटे रहे। किसान अपने साथ कई हफ़्तों तक का राशन पानी लेकर आये थे। शुक्रवार की सुबह तक प्रदर्शन बहुत उग्र हो गया। टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर अफरातफरी का माहौल हो गया।

 
आंदोलन पर सियासत :-माहौल को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से स्टेडियम हो अस्थाई जेल बनाने मांग की है। आम आदमी पार्टी ने किसानों की मांग को जायज बताया और स्टेडियम को अस्थील जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की मांग को ठुकरा दिया। दिल्ली के ग्रह मंत्री सतेंद्र जैन ने अपने बयान में कहा की केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को तुरंत मान लेना चाहिए। 


किसानों  के आंदोलन से आम जनता की आफत :-हज़ारों की संख्या में दिल्ली की और जा रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सीमेंट , कटीले तार और बैरेगेट्स से तीन स्तर का  घेरा बनाया। यातायात पूरी तरह से ठप्प पड़ गयी। बसें केवल बॉर्डर से डेढ़ किलोमीटर तक ही आ रही है। उसके बाद डेढ़ किलोमीटर दिल्ली या हरियाणा में उपलब्ध थी। लिहाज़ा  दिल्ली हरियाणा बॉर्डर  से आने जाने वालों को तीन-तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।  बच्चों के साथ सामान लादे इन लोगों की मुश्किलें शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। 


माहौल  बिगाड़ने की कोशिश नाकाम :-सिंधु बॉर्डर पर कुछ सामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की भी कोशिश की। कुछ लोग हाथों में पत्थर लेकर पुलिस पर हमला करने की तैयारी में थे। लेकिन इस बीच किसानों ने ही उन्हें पहचान लिया और उन्हें खदेड़ दिया। यदि ऐसा हो जाता तो किसानों का आंदोलन बदनाम ही नहीं बल्कि उग्र भी हो जाता। किसान अपने मुद्दों के साथ दिल्ली में डटे है। उनके पास कोइ हथियार नहीं , लाठी डंडे नहीं। केवल कपडे और राशन लेकर आये थे। पुलिस और किसान भी चकित है की ऐसे लोग कौन जो इस आंदोलन को दंगे का रूप देना चाहतें है।  उनकी मंशा क्या है ,बहरहाल किसानों  समझदारी से काम लिया और माहौल बिगड़ने की कोशिस को नाकाम कर दिया।

दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर :-केवल बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि मुख्य सडकों पर भी दिल्ली पलिस हाई अलर्ट पर है। बॉर्डर  से लगते पुलिस थानों के साथ अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है। वहीँ मुख्यो सडकों से गुजरने वाले वाहनों पर भी भारी पुलिस की तैनाती की गयी है। थानों में पुलिस बल की कमी को देखते हुए बाकी थानों को भी बॉर्डर से आने वालों पर निगरानी रखने के लिए तैनात किया गया है। जीटी रोड पर नार्थ वेस्ट जिले के कई थानों की पुलिस भारी संख्या में तैनात की गयी है। इस कड़ाके की सर्दी में पुलिस दिन रात ड्यूटी कर रहे है। 

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