Saturday, November 23, 2024
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बेसहारा महिला के लिए फरिश्ता बना एक शख्स

मनोज सूर्यवंशी, संवाददाता

दिल्ली एनसीआर।। मानव सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है यही कहते है समाजसेवी सतीश चैपड़ा। जी हाँ फरीदाबाद में एक चेहरा और एक नाम लोगों याद हो गया है। जब भी किसी गरीब असहाय और बीमार को जररूत पड़ती है तो वह सतीश चौपड़ा का नाम लेता है। और सतीश चौपड़ा भी लोगों की बाढ़ चढ़ कर हर संभव मदद करते है।ऐसी ही एक महिला जो अपने बीमार पति के ईलाज के लिए सड़कों पर भीख माँग रही थी। जिसकी मदद के लिए समाजसेवी सतीश चौपड़ा ने हांथ आगे बढ़ाया और उनकी पूरी मदद की।

ताजा मामला दो दिन पहले का है जब फरीदाबाद की अज्जि कलोनी जहाँ सतीश चैपड़ा को सूचना मिली कि एक महिला अपने पति के ईलाज के लिए सड़कों पर भीख माँग रही है। और ठिठुरती ठंड में पति पत्नी और उसकी दो मासूम बच्चियों को खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। इस सूचना पर सतीश चौपड़ा न केवल उन तक पहुंचे बल्कि उनकी मदद करते हुए खुले आसमान के नीचे ना सोए उनकी पहले झुग्गी बनवाई।

फिर महिला के बीमार पति को फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे बताया की टीवी का इलाज फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान में ना होने के चलते डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के एक टीवी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। जहां सतीश चोपड़ा ने एंबुलेंस भिजवा कर उन्हें भर्ती कराया फिर 2 दिन बाद महिला का दिल्ली से फोन आया कि उसके पास खाने इलाज के लिए पैसे नहीं है।

जिसके बाद सतीश चौपड़ा ने उसे फरीदाबाद में आकर पैसे ले जाने के लिए कहा था। महिला फरीदाबाद पहुंची जहां सतीश चौपड़ा ने उस महिला को अपनी जेब से ₹3000 निकालकर मदद के लिए दिए। और महिला को कहा कि उसे यदि और पैसों की जरूरत हो तो वह दोबारा आकर उनसे ले जा सकती है। इस मौके पर महिला ने समाजसेवी सतीश चोपड़ा का धन्यवाद करते हुए कहा कि सतीश चोपड़ा ने उनकी हर प्रकार से मदद की है वह उनके लिए किसी भगवान से कम नहीं है।

समाजसेवी सतीश चौपड़ा ने मीडिया से बात करते हुए बताया किउन्हें बचपन से ही दूसरों की मदद करना बहुत अच्छा लगता था इसलिए उन्होंने सोचा कि शादी के बंधन में बंध कर वे अपने घर की जिम्मेदारियों के बंधन में बंध जाएंगे और समाज सेवा नहीं कर पाएंगे तो उन्होंने शादी न करने का मन बनाया और शादी नहीं कि।

अब वे हर वर्ग, हर जाति के लोगों को ही अपना परिवार मानते है और दिन रात उनकी सेवा में जुटे रहते है वे कहते है मानव सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है इसलिए वे मानव सेवा के कार्य मे जुटे है। वहीं उन्होनें समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने माता पिता का सम्मान और सेवा करें क्योंकि माता पिता की सेवा से बड़ी कोई सेवा इस धरती पर नहीं है।

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