डिम्पल भारद्वाज,संवाददाता
नई दिल्ली||दिल्ली में जहां एक तरफ किसान बीजेपी पार्टी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं दुसरी ओर बीजेपी साशित नगर निगम भी सीएम हाउस के बाहर बीते सोमवार से धरने पर बैठी है। इस दौरान दिल्ली के तीनों निगम के मेयर सहित डिप्टी मेयर, स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष समेत करीब 30 बीजेपी के निगम पार्षद मौजूद हैं। 13 हजार करोड़ रुपये जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी के निगम पार्षद अपने तीनों मेयर के साथ धरने पर बैठे। इस दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश ने कहा कि उन्होंने निगम के बकाया राशि देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग की थी लेकिन आज 5 दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यहां बैठे निगम पार्षदों से मिलने की कोशिश तक नहीं की जो उनकी खराब मंशा को दर्शाता है।
जबकि साउथ दिल्ली एमसीडी की मेयर अनामिका सिंह ने केज़रीवाल सरकार पर निगम की अंदेखी करने का आरोप लगाया। अनामिका का कहना है की दिल्ली सरकार निगम का पैसा ना देकर कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। और इसका खामियाज़ा दिल्ली सरकार को उठाना ही होगा।
इस मामले में ईस्ट दिल्ली नगर निगम के महापौर निर्मल जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार आगामी निगम चुनाव को देखते हुए दिल्ली की तीनों निगमों के साथ राजनीति कर रही है। दिल्ली के सारे विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं और दिल्ली सरकार चाहती है की निगम कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएं और दिल्ली में गंदगी और महामारी का अंबार लग जाए। ताकी वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेक सकें।
यहां हम आपको यह भी बता दें की महापौर के धरने को अब निगम के कर्मचारियों का बड़े स्तर पर समर्थन मिलने लगा है। तीनों निगम की यूनियन की फेडरेशन ने भी महापौर को समर्थन पत्र जारी किये हैं। और महापौर के धरने का समर्थन भी किया है। इसके साथ ही शिक्षक व सफाई कर्मचारी व अन्य कर्मचारी भी महापौर के धरने के समर्थन में आना लगातार जारी है। बता दें की कर्मचारी समर्थन पत्र नहीं दे रहे बल्कि धरना स्थल पर पहुंचकर महापौर का समर्थन भी कर रहे हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी की सीएम केजरीवाल क्या दिल्ली की तीनों निगम के महापौर से मुलाकात करते हैं या फिर यह धरना कुछ दिन का तमाशा बनकर खत्म हो जाएगा।