अंशुल त्यागी, संवाददाता
नई दिल्ली ।। आए दिन दिल्ली एमसीडी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहता है। उसके पार्षदों पर आम आदमी पार्टी के नेता रिश्वत लेकर काम करने, एमसीडी की विकास की योजनाओं में हेराफेरी करने और अवैध वसूली का आरोप लगाते रहते हैंं। इसकी सच्चाई तब सामने आ गई जब भाजपा पार्षद मनोज महलावत को सीबीआई ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 4 दिसंबर को रिश्वत के मामले में दक्षिणी दिल्ली के बीजेपी पार्षद मनोज महलावत को गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार महलावत ने निर्माण कार्य के संबंध में एक व्यक्ति से 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। जांच एजेंसी की ओर से पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था।आरोप है कि वसंत कुंज में एक बिल्डर अवैध निर्माण करवा रहा था। पार्षद ने उससे पैसे मांगे थे। बिल्डर ने कहा कि हम पार्षद को ही पैसा देंगे। बाद में बिल्डर ने सीबीआई में शिकायत कर दी और इस वजह से उसे रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
इस शिकायत पर ही मनोज महलावत को सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा और गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 14 दिनों के रिमांड पर भेजा जा चुका है। महलावत 2017 में नई दिल्ली के वसंत कुंज से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पार्षद चुने गए थे। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गये महलावत टेप में शिकायतकर्ता से यह कहते पकड़े गये, ‘अब हमारे आय का स्त्रोत वेतन नहीं है…अब ऐसे ही होगा। यह सीबीआई ने उनके बारे में दावा किया है। महलावत को भले ही बीजेपी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया हो, लेकिन विपक्ष की निगाह में इससे बीजेपी दिल्ली में बेनकाव हो गई।
इस बावत मामला गर्माया तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा तो वहीं आप के नेता विपक्ष विकास गोयल सीबीआई पर मामले को दबाने का संदेह जताया। उन्होंने कहा कि सीबीआई मामले को दबाने की कोशिश की ऐसा लग रहा है, जबकि इस तरह का भ्रष्टाचार बीजेपी के पार्षद न जाने कब से करते आ रहे हैं। विकास गोयल ने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे और लोगों को भी खोज़ने की शुरुआत करने का समय आ गया है।