दिल्ली दर्पण टीवी
अंतरराष्ट्रीय एमी अवार्ड जीतने वाली वेब सीरिज ’दिल्ली क्राइम’ में मीडिया का बावलापन, जनाक्रोश, राजनीतिक हस्तक्षेप और यहां तक कि अवसरवाद को भी दिखाया गया है, लेकिन दिल्ली के अपराध का आशय यह नहीं है. बेरहमी साफ और व्यापक है, इसका फोकस पुलिस और अधिकारियों पर ही रहता. 23 नवंबर को न्यूयॉर्क सिटी के खाली थिएटर में वर्चुअल लाइव के ज़रिए 48वें अंतरराष्ट्रीय एमी अवार्ड्स समारोह में अंतरराष्ट्रीय बेस्ट ड्रामा सीरिज़ कैटेगरी में वेब सीरिज़ ‘दिल्ली क्राइम’ को विजेता घोषित किया गया.
रिची मेहता की सात भागों वाली थ्रिलर वेब सीरीज दिल्ली क्राइम सर्दी की उस रात 10.30 बजे की कहानी से शुरू होती है. शुरुआत के वॉइसओवर से पता चलता है कि कानून के रखवालों पर समस्याओं का एक बड़ा बोझ है. एक ऐसे शहर में जहां हर साल लगभग 11,000 घिनौने अपराध होते हैं, वहां ज्यादा काम करके कम पैसे में गुजारा करने वाली पुलिस फोर्स क्या-क्या कर सकती है और उनमें से भी ज्यादातर कर्मियों को ट्रैफिक ड्यूटी और वीआईपी सुरक्षा में लगा दिया जाता है.
पहला एपिसोड मूड को सेट करता है:
यह तीखा है, भारी है और कड़ी चोट करता है. दिसम्बर 2012 की एक सर्द रात में दिल्ली की एक चलती हुई बस में एक युवा महिला के नृशंस गैंगरेप के पुलिस इन्वेस्टीगेशन के बारे में एक सीरीज और क्या हो सकती है?
शो की शुरुआत मारे-पीटे गए लड़के और गंभीर रूप से घायल और सड़क किनारे फेंकी गई लड़की की खोज के साथ होती है. केस की फाइलों के आधार पर, मेहता की पुलिस प्रक्रिया कुछ नाटकीय और सिनेमाई इफेक्ट के साथ वास्तविक है, जो हमें इन्वेस्टीगेशन के पीछे की सच्चाई की तरफ ले जाती है.
वह लड़का जब उस रात हुई वारदात के बारे में बताता है, तब आप बस इतना ही कह सकते हैं, ‘उस बस में मत जाना!’ यह सीरीज अपनी ओर खींचती है, क्योंकि हम पहले से उस घटना के बारे में बहुत कुछ जानते हैं, फिर भी हम क्रिमिनल माइंड को समझने के लिए हर एक डिटेल को जानने के लिए बेताब होते हैं. और फिर जब मुख्य संदिग्ध रूखेपन से और मुंहजोरी से कहानी को अपने ढंग से पेश करता है, तो देखने वालों की भौहें तन जाती हैं.
पुलिस का किरदार निभाने वाले अच्छे कलाकार हैं. उनके किरदार चेहरे पर मुस्कुराहट तो लाते हैं, साथ ही साथ कठोर भी दिखाई देते हैं. इसमें कुछ अच्छी इनसाइट्स भी हैं, जैसे एक शाकाहारी पुलिसकर्मी द्वारा एक सहकर्मी के चिकन डिश की पेशकश को रोकना और कैसे स्कूल का पुराना हिंदी गाना थोड़ा सुकून देता है.
कोरोना महामारी के दौर में 23 नवंबर को न्यूयॉर्क सिटी के खाली थिएटर में वर्चुअल लाइव के ज़रिए 48वें अंतरराष्ट्रीय एमी अवार्ड्स समारोह का आयोजन हुआ. इस आयोजन में भारत के लिए ख़ुशी की लहर छा गई, जब अंतरराष्ट्रीय बेस्ट ड्रामा सीरिज़ कैटेगरी में वेब सीरिज़ ‘दिल्ली क्राइम’ को विजेता घोषित किया गया.
इस स्पर्धा में दूसरे नामांकन थे- जर्मनी की सीरिज़ ‘चैरिएट’, यूके से सीरिज़ ‘क्रिमिनल’ और अर्जेंटीना की सीरिज़ ‘द ब्रोंज गार्डन-2’. लेकिन इन सबके सामने भारतीय सिरीज़ को विजेता माना गया.
ख़बर मिलने पर इस सिरीज़ में मुख्य भूमिका निभाने वाली शेफाली शाह फूली नहीं समाईं. अपनी ख़ुशी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर ज़ाहिर की. वीडियो में शेफ़ाली कह रही हैं कि उन्हें यक़ीन नहीं हो रहा है की ‘दिल्ली क्राइम’ एमी अवार्ड जीत चुका है.
शेफ़ाली शाह ने कहा, “मैं उन्मादपूर्ण, उत्साहित… और शब्दकोष के सभी अतिशयोक्ति वाले शब्द, जो ज़हन में आ रहे हैं… महसूस कर रही हूँ. ये गज़ब है. मुझे बेहद गर्व है कि मैं ‘दिल्ली क्राइम’ का हिस्सा रही. यह जीत सोने पर सुहागा है.”
उन्होंने कहा, “वैसे मैं जबसे इस सिरीज़ में काम कर रही थी, तब से ही ‘दिल्ली क्राइम’ मेरे लिए विजेता था. मैं जानती थी यह शो ख़ास है. एमी अवार्ड ने हमें अंतरराष्ट्रीय मंच पर रख दिया है और मैं इससे बेहद गर्वान्वित महसूस कर रही हूँ.”
क्या है ‘दिल्ली क्राइम’ वेब सिरीज़ में क्या?
22 मार्च 2019 को ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ़्लिक्स पर आई वेब सिरीज़ ‘दिल्ली क्राइम’ साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के बाद सभी अपराधियों को पुलिस के गिरफ़्तार करने की कहानी है, जिसका नेतृत्व महिला पुलिस अधिकारी वर्तिका चतुर्वेदी (शेफाली शाह) करती हैं.
इस सिरीज़ का निर्देशन भारतीय मूल के कनाडाई निर्देशक ऋषि मेहता ने किया है. निर्माताओं का कहना है कि सिरीज़ कई बरसों की रिसर्च के बाद तैयार हुई और इसके लिए और दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर शूटिंग की गई.
सीरिज़ में शेफाली शाह, रसिका दुग्गल, आदिल हुसैन और राजेश तैलंग सहित कई कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है.
दिल्ली क्राइम के एमी अवॉर्ड जीतने पर निर्देशक ऋषि मेहता ने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था की हम यहाँ पहुँचेंगे. ये कई लोगो के कई बरसों के काम का नतीजा है. दिल्ली क्राइम पूरी तरह से प्यार का श्रम है, जिसका जन्म दुःख, गुस्सा, निराशा और अंत में दया के कारण हुआ.”
सिरीज़ में सशक्त और संवेदनशील पुलिसकर्मी नीति सिंह का किरदार निभाने वाली रसिका दुग्गल ने इस कामायबी पर कहा, “दिल्ली क्राइम शो का हिस्सा होना मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है. इसे एमी अवॉर्ड मिलने से यह भारत में साहसी और संवेदनशील स्टोरीटेलिंग को प्रोत्साहित करेगी.”
सीरिज के सिरीज़ के अभिनेता आदिल हुसैन का कहना है कि सिरीज़ की यह उपलब्धि बहुत ही ज़रूरी है, क्योंकि यह भारतीय फ़िल्मकारों को स्थापित करने वाली बात है.वो कहते हैं, “ये सीरिज़ बहुत ही घिनौनी घटना पर बनी है लेकिन पूरे सिरीज़ में घटना को एक बार भी दिखाया नहीं गया है, जबकि उसे दिखाने का मौका शायद बहुत सारे लोग ले लेते.सिरीज़ में किसी तरह की अश्लीलता या बेवजह गाली-गलौज या जबरन डायलॉगबाजी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. बावजूद इसके, अगर यह सिरीज़ दर्शकों की कल्पना को पकड़ पाई. इसी वजह से हमें इतना उम्दा अवॉर्ड मिला है.”
निर्भया गैंगरेप बेहद डराने वाली आपराधिक घटना थी जिससे आम जनता, ख़ासकर दिल्ली के युवाओं का ग़ुस्सा सड़कों पर देखने को मिला था.सिरीज़ में पुलिस की भूमिका को बहुत ही सहानुभूति वाले नज़रिये से दर्शाया गया है कि किस तरह से महज पाँच दिन में दिल्ली महानगर में फरार दोषियों को ढूंढ़ा गया.
ओटीटी प्लैटफ़ॉर्म्स आने के बाद भारत में कई वेब सिरीज़ बन रही हैं. भारतीय दर्शक इस नए माध्यम में आ रहे भारतीय कॉन्टेंट को पसंद भी कर रहे है. भारत में कई अंतराष्ट्रीय सिरीज़ पसंद की जा रही हैं, जिसमें स्पेन, जर्मनी, कोरिया, इसराइल और तुर्की जैसे देशों की सिरीज़ शामिल हैं.
फ़िल्म समीक्षक मयंक शेखर का मानना है कि ये सिरीज़ आधी भारतीय सिरीज़ है क्योंकि इसके निर्देशक भारतीय मूल के कनाडाई निवासी हैं और टीम का एक बड़ा हिस्सा विदेशी था. हालाँकि सिरीज़ में काम कर रहे कलाकार भारतीय थे और कहानी भी दिल्ली की थी.