पुनीत गुप्ता, संवाददाता
टिकरी बॉर्डर , नार्थ वेस्ट दिल्ली , कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 14 दिन हो चुके है । सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है।
‘कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे’
इससे पहले ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा था कि सरकार अगर संशोधन की बात कर रही है तो, हमारा जवाब साफ है। संशोधन नहीं बल्कि, कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे। सरकार की चिट्ठी हमें पॉजिटिव लगेगी तो कल मीटिंग कर सकते हैं।
टिकरी बॉर्डर पर पहले ही दिन से हज़ारो की संख्या में किसान डटे हुए है और उम्मीद में है की जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानेंगी वो लोग वापस नहीं जायेंगे , ऐसे में किसान अपने साथ महीनो का राशन तो बांध कर आये है लेकिन राशन के साथ और मूलभूत सुविधाओं के लिए शुरू में काफी परेशानी हुई , लेकिन टिकरी बॉर्डर पर आम आदमी पार्टी के विधायक धर्मपाल लकड़ा ने दिल्ली सरकार के साथ आप का सुविधा केंद्र की शुरुआत कर दी , जिसमे सभी सुविधाएं दिए जाने लगी जैसे
- नास्ते से लेकर रात के खाने की व्यवस्था
- टॉयलेट की सुविधा
- पानी की सुविधा
- फर्स्ट ऐड की सुविधा
- आपातकालीन सुविधा
अब आप का सुविधा केंद्र टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में किसानो को काफी सुविधा प्रदान कर रहा है , ज्यादातर किसान इन सुविधाओं का लाभ भी उठाते है , विधायक धर्मपाल लकड़ा खुद यहाँ पुरे वक्त रहते है खाली वक्त में किसानो से बातचीत करते हुए भी उनको देखा जा सकता है , धर्मपाल लाकड़ा ने कहा की मै पहले किसान पुत्र हु बाद में विधायक , मेरी नैतिक जिम्मेदारी है यहाँ पर किसानो की सेवा करना , यहाँ पर 80 साल के भी बुजुर्ग आये है जिनको देख कर में खुद को बच्चा महसूस करता हु ,एक अलग शक्ति मिलती है इन सबकी सेवा करने में , इसके साथ ही लकड़ा ने कहा की यह सब किसान है कोई भ्रमित या भड़काए हुए किसान नहीं और ना ही आतंकवादी है यह जमीन से जुड़े हुए किसान है जो अपने हक़ के लिए दिल्ली की चौखट पर बैठे हुए है केंद्र सरकार को अन्नदाताओ की बात को जरूर आगे रखना चाहिए।
धर्मपाल लकड़ा ने यह भी कहा की जब तक यह किसान आंदोलन चलेगा तब तक यह सुविधाएं हमारी तरफ से लगातार चलती रहेगी बिना किसी ब्रेक के।दिल्ली सरकार ने खुले तोर पर किसान आंदोलन को समर्थन किया है जिसकी वजह से इस आंदोलन को और भी बल मिला है इस तरह के सुविधा केंद्र से आंदोलन और भी आसान हुआ है।