जयप्रकाश भाटी, संवाददाता
दिल्ली एनसीआर।। एक तरफ जहां किसान कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए सड़कों पर पिछले 20 दिन से बैठे हैं, तो वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जो परंपरागत खेती को छोड़कर अलग तरह की फसलें उगा रहे हैं। और मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
हरियाणा के जिला फरीदाबाद के गांव फतेहपुर बिल्लौच में एक ऐसे ही किसान हैं यश मोहन सैनी, जो पिछले दो दशक से रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं। इस फसल से मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने जो कृषि कानून बनाए हैं उनसे किसानों का फायदा हो सकता है। इस बीच अपनी फसल को वह आज भी सरकारी मंडी में ही बेचते हैं क्योंकि बाहर उन्हें खरीददार नहीं मिलते।
इसलिए वे चाहते हैं कि सरकार मंडी व्यवस्था को देश भर में मजबूत करें। वही इन कृषि कानूनों में मिनिमम सपोर्ट प्राइस को भी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी किसान परंपरागत खेती को छोड़कर अलग खेती नहीं कर सकते इसलिए कई बार किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता।इसलिए सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित में कानून बनाना चाहिए।