Thursday, November 7, 2024
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आयुर्वेद के नुस्खे से कैसे सुधरे झील पार्क के हालात ?

डिम्पल भारद्वाज,संवाददाता

राजेंद्र नगर, नॉर्थ दिल्ली|| हम आपसे कहें की करोड़ों की लागत से होने वाली झीलों और नदियों की काई और पानी की सफाई मात्र आयुर्वेदिक नुस्खे से की जा सकती है तो शायद आपके लिये यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन ये  चमत्कार कर दिखाया है सोशल एक्टिविस्ट रचना कारला ने जिन्होंने इसका प्रमाण दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित झील पार्क की झील को केवल 2 महिने में साफ करके दिया है। 

तस्वीरों में दिखाई दे रही झील दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित झील पार्क में मौजूद है। इस झील पर पहले बड़ी तादात में पर्यटक पहुंचते थे वजह थी फोटोशूल के लिये बेस्ट लोकेशन का होना लेकिन धीरे-धीरे झील प्रशासन की अंदेखी का शिकार होती रही और पर्यटक झील से दूर । यही वजह है की कभी लोगों की पहली पसंद होने वाला झील पार्क लगभग विरान होने की कगार पर पहुंच गया।

और असमाजिक तत्वों का पसंदीदा प्लेस बनने लगा लेकिन इस झील पर नज़र पड़ी सोशल एक्टिविस्ट रचना की जिन्होंने डीडीए से मिलकर झील की कायापलट करने का बीड़ा अपने हाथ लिया। और लगभग 5 साल की रिसर्च और 120 प्रकार के प्रकृतिक तत्वों से तैयार एक आयुर्वेदिक दवा से झील के पानी में एक बार फिर जान फूंक दी। आप खूद ही सुन लिजिए कि कैसे रजना ने इस बड़े से काम को मात्र 2 महिने एक अच्छे मुकाम तक पहुंचाया।

झील पार्क में आस पास के कुछ लोग आज भी पार्क में घुमने आते हैं और कोशिश भी करते हैं की झील में लोग ना तो कोई पूजा सामाग्री डाले और ना ही मछलियों को खाना डालेलेकिन बावरजूद इसके झील की हालत बद से बदतर होती जा रही थी लेकिन जब से झील का बीड़ा रचना ने अपने हाथ लिया यहां के लोग काफी खुश और संतुष्ट भी दिखाई देते हैं।

जहां पहले झील के गंदे और बदबूदार पानी की वजह से यहां मछलियां और जलीय जीव जंतु आए दिन दम तोड़ देते थे वहां आज बतख खुश होकर झूमती दिखाई देती हैं। और ऐसा कहना है यहां के माली का ।

इस अच्छी खबर को देखकर यह कहना नहीं गलत नहीं होगा की रचना और उनकी टीम एक शानदार काम कर रही हैं। वो भी सरकारी टेंडर के एक प्रतिशत पर दामों पर लेकिन सवाल यह है की जब इतनी शानदार टेक्नोलोजी रचना और उनकी टीम के पास है तो दिल्ली की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली धरोहर झीलों के लिये सरकार रचना का सहयोग क्यों नहीं लेती।

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