संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ें इतनी मजबूती से जमा ली हैं कि अनेक शिकायतों के बाद भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को ना दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट का डर है और ना ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिशासी द्वारा खतरनाक मार्किट घोषित होने के आदेश की चिंता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिशासी अभियंता विभाग द्वारा दिनांक 29 नवम्बर 2019 को वार्ड 49 में स्थित नांगलोई की हरदेव मार्किट को खतरनाक घोषित करते हुए उसके खिलाफ एक नोटिस जारी कर भवन पर चिपका दिया। इस नोटिस के अनुसार यह एक खतरनाक भवन है इसका किसी भी रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह बिल्डिंग कभी भी बड़े हादसे की गवाह बन सकती है। इसके बाद भी इस बिल्डिंग को अभी तक खाली नहीं कराया गया। जबकि नांगलोई क्षेत्र के अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के रोहिणी जोन के उपायुक्त, क्षेत्रीय उपखंड अधिकारी, जिला न्यायाधीश सहित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आलाधिकारियों को भी इसकी शिकायत की है।
लेकिन लगता है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का इतना नशा चढ़ चुका है कि नांगलोई के मैंन बाजार में जहां प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना है और कभी भी किसी बड़े हादसे के बाद बड़ी संख्या में क्षति होने की आशंका बनी रहती है, उस पर ध्यान नहीं जा रहा। उल्लेखनीय है कि लगभग 2 महीने पहले इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को की गई बावजूद इसके अभी तक इस बिल्डिंग को ना तो तोड़ा गया है और ना ही इस बिल्डिंग को सील किया गया है और बिल्डिंग मालिक के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
नांगलोई थाने ने भी इस बिल्डिंग की वास्तविक रिपोर्ट बताकर स्थानीय उपखंड अधिकारी को भेज दी गई है, लेकिन उसके बाद भी इस बिल्डिंग में बेरोकटोक कारोबार किया जा रहा है और कारोबार करने वाले व खरीदारी करने लोगों तथा आने-जाने वाले लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। वार्ड-49 के कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष शंकर राजस्थानी ने भाजपा के भ्रष्ट पार्षद व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल्डिंग के आसपास हो रहे कारोबार को चलाए रखने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पुलिस अधिकारियों को मोटी रकम पहुंचाई जा रही है,
जिसके कारण ना तो दिल्ली पुलिस इस ओर ध्यान दे रही है और ना ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आलाधिकारी, लगता है कि यें किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।