संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली ।। समर्पण परिवार की मुहिम अब धीरे धीरे रंग चढ़ने लगी। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भूमि रछौया व अन्य लोगों पर वृद्ध, विधवा व विकलांग पेंशन के फर्जीवाड़े मामले में थ्प्त् दर्ज की। भाजपा की पूर्व निगम पार्षद भूमि रछौया व उसके पति पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने रिश्तेदार व परिचित लोगों के नाम पर वृद्ध, विकंलाग व विधवा पेंशन योजना का फायदा उठाकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोड़ों रूपये के राजस्व ही हानि पहुंचाई। दिल्ली लोकायुक्त ने भूमि रछौया व अन्य लोगों के खिलाफ अपने आदेश में दिनांक 31 जनवरी 2020 को दिल्ली के उपराज्यपाल को थ्प्त् दर्ज करने की अनुशंसा की और 2 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि को वसूलने के आदेश दिये।
गौरतलब है कि भूमि रछौया 2012 में वार्ड-31 से कांग्रेसी पार्षद चुनी गई थी। पार्षद पद पर रहते हुए भूमि रछौया ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नरेला जोन से 722 वृद्ध, विधवा तथा दिव्यांग की पेंशन बनाने की अनुशंसा की और पेंशन बनाने के लिए अधिकारियों को अपने द्वारा सत्यापित दस्तावेज उपलब्ध कराए। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र खर्रा ने वर्ष 2016 में जनसूचना अधिकार के तहत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नरेला क्षेत्र के तत्कालीन वार्ड 31 के पेंशनधारियों की सूची मांगी और संबंधित सभी दस्तावेजों का निरीक्षण का प्रमाणित प्रतिलिपियां प्राप्त कीं तो सामने आया कि भूमि रछौया द्वारा सत्यापित किये गये 722 आवेदनों में से 681 पेंशनों में फर्जी कागजातों का इस्तेमाल किया गया।
इसके साथ ही वृद्ध, विधवा,दिव्यांग पेंशन के सभी मापदंडों को धत्ताकर पेंशनों की राशि अधिकतर कुछ खातों में ही जमा कराकर निकाली गई। जब यह सारा मामला राजेन्द्र खर्रा के सामने आया तो उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली के उपराज्यपाल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आलाधिकारी, स्थानीय पुलिस को की। जब कई महीने बीतने के बाद शिकायत पर कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आई तो राजेन्द्र खर्रा ने यह मामला दिल्ली के लोकायुक्त के समक्ष रखा, जिस पर लगभग 2 वर्ष सुनवाई के बाद लोकायुक्त ने पाया कि इस इस मामले में बहुत तादात में फर्जी कागजात व अन्य साक्ष्यों का इस्तेमाल किया गया।
दिल्ली लोकायुक्त ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह एक गंभीर अपराध है। दिल्ली की जनता के लिए चलाई जा रही लोक कल्याण योजनाओं का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्जी कागजों के आधार पर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो सरकार के साथ साथ जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाला है। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए और उनसे हुई राजस्व क्षति की पूर्ति भी की जाए और लोकायुक्त ने आरोपी भूमि रछौया व अन्य लोगों के खिलाफ थ्प्त् दर्ज कर राजस्व की हानि को वसूलने के आदेश दिये।
राजेन्द्र ने संवाददाता को लोकायुक्त व जनसूचना अधिकार से मांगे गए दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि भूमि रछौया व चतर सिंह रछौया के खिलाफ अनेक शिकायतें व खुलासे कर चुके हैं, जिसमें भूमि रछौया के नामांकन के समय जमा कराए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया गया हैं नामांकन के समय जमा कराए गए जाति प्रमाण पत्र में भूमि रछौया के पिता के नाम के स्थान पर चतर सिंह रछौया का नाम लिखा हैं। अब ये जांच करने का विषय है कि चतर सिंह रछौया भूमि रछौया के पति हैं या पिता। भ्रष्टाचार में यह परिवार इतना लिप्त हो गया है कि उन्हें रिश्तों की मर्यादा का भी ख्याल नहीं है। इस मामले में वर्ष 2019 में भूमि रछौया पर न्यायालय के आदेश से नांगलोई पुलिस स्टेशन में थ्प्त् दर्ज हो चुकी है।
राजेन्द्र खर्रा भूमि रछौया व चतर सिंह रछौया पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सरकारी संपत्तियों का जिस तरह से दुरूपयोग कर रहे हैं और जिस तरह से सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाने का प्रयास करते हैं, यह भी सामने आ चुका हैं। अभी पिछले दिनों इसी वार्ड की वर्तमान पार्षद ज्योति रछौया के पति सतीश रछौया द्वारा उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वृद्ध आश्रम पर टैंट का सामान रखने का भी मामला सामने आया, जिसकी शिकायत भी नांगलोई थाने में करने के बाद उसे खाली कराया गया।
नांगलोई क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता शंकर राजस्थानी ने रछौया परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह परिवार भ्रष्टाचार में इतना डूबा हुआ है कि क्षेत्र में रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों व निर्माण करने वाले लोगों से भी वसूली करने में लगा है। इस वार्ड की कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी श्रीमती संगीता सिंह ने संवाददाता को बताया कि कुछ लोग राजनीति में सेवा करने आते हैं ओर कुछ लोग सिर्फ भ्रष्टाचार करने। रछौया परिवार बिना कोई कारोबार किये महंगी गाड़ियों में घूमकर शाही खर्चे कर रहा है, जो भ्रष्टाचार का जीता-जागता नमूना है, ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।