Thursday, May 2, 2024
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क्या किसान महापंचायत से निकलेगा समाधान ?

पुनीत गुप्ता, संवाददाता

बाहरी जिला दिल्ली।। कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसान विरोध कर लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आए किसान जमे हुए हैं।

किसान और सरकार के बिच कई बैठक के दौर हुए लेकिन समाधान नहीं निकल रहा है ऐसे में दिल्ली भाजपा ने किसान महापंचायत का आंदोलन शुरू किया है। जिसमे दिल्ली के देहात क्षेत्र जहा आज भी खेती की जाती है। जिसको कवर करने की कोशिश की जा रही है, भाजपा के जिला अध्यक्ष बजरंग शुक्ला जो किसान परिवार से तालुक रखते है कई किसान महापंचायत का आयोजन कर चुके है।

बजरंग शुक्ला बताते है की यह कृषि सुधार कानून किसानों के हित में है और आने वाले समय में किसानो को आर्थिक रूप से काफी मदद इन कानूनों द्वारा मिलेगी , शनिवार को बाहरी जिले के मुंडका में महापंचायत का कार्यकर्म  किया गया जिसमे बजरंग शुक्ला के साथ डॉ अल्का गुज्जर , रामवीर बिधूड़ी , कुलजीत चहल , अशोक ठाकुर , गजेंदर सिंह , दलबीर माथुर और जिले के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे , खास बात यह रही की इस महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद रहे , रागिनी का कार्यकर्म भी रखा गय।


डॉ अल्का गुज्जर ने कहा की 70  सालो से किसान को प्रताड़ित किया गया कभी किसानो का भला नहीं सोचा गया लेकिन मोदी सरकार ने किसानो को प्राथमिकता देते हुए कृषि सुधार बिल पास किये , लेकिन विपक्ष राजनीती के माध्यम से किसानो और व्यापारियों को भड़का रहे है अगर किसान उनकी बातों में आता है तो यह किसान को बहुत बड़ा धोका दे रहे है। किसानो को समझना चाहिए की इतनी सरकार में रहने के बावजूद भी इन्होने कभी किसानो के हित का नहीं सोचा तो अब कैसे यह राजनैतिक पार्टिया भला सोचेंगी।


दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा की पहले की सरकार कभी किसानो तक पैसा भेजा करती तो सिर्फ 15 पैसा ही पंहुचा करता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने कल किसानो के खाते में डायरेक्ट पैसा ट्रांसफर किया ,यह ऐतिहासिक है , भाजपा ने किसानो के हित में यह कानून बनाये है।इसके साथ ही दिल्ली सरकार पर भी निसाना साधा गया , रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा की दिल्ली में किसानो का हक़ केजरीवाल सरकार ने छीन लिया है , दिल्ली का किसान ट्रेक्टर भी नहीं खरीद सकता , फ़र्टिलाइज़र भी नहीं खरीद सकता , देहात की लाल डोरे की जमीन पर भी केजरीवाल सरकार ने कब्ज़ा कर लिया है


दिल्ली सरकार किसान विरोधी रही है और बॉर्डर पर बैठे व्यापारियों को सहयोग करके सिर्फ माहौल ख़राब करना चाहती है इस सरकार के वेहकाफ में न आये। इन महापंचायतों में किसानो की संख्या को देख कर लग रहा है की दिल्ली का किसान तो भाजपा के साथ है लेकिन बॉर्डर पर बैठा हुआ किसान कब संतुष्ट होगा या कब इनकी मांगो को माना जायेगा। 

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