शिवानी मोरवाल, संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी में हर साल गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को शांतिपूर्ण संपन्न करवाने का पूरा दारोमदार दिल्ली पुलिस पर होता है। दिल्ली पुलिस के इंतजाम की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम होती है। वह किसी तरह की अराजक स्थतियों से लेकर आतंकवादी हरकतों से टकराने के लिए चौकन्ना रहती है।
इस बार के गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस के लिए किसान आंदोलनकारियों द्वारा ट्रेक्टर रैली की घोषणा एक चुनौती के समान है। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 जनवरी को पुलिस मुख्यालय पर दिल्ली पुलिस के साथ खास बैठक की। बैठक में उन्होंने दिल्ली पुलिस की खूब तारीफ की। उनकी हौसला अफजाई की। बैठक में सभी छोटे—बड़े अधिकारियों सहित दिल्ली पुलिस के सिपाही भी शामिल थे।
बता दें कि इस बार गणंतत्र दिवस की परेड में किसानों ने अपने हजारों ट्रैक्ट्ररों के साथ दिल्ली में परेड निकालने की घोषणा की है। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में दिल्ली में किसान को आने की अनुमति दी जाए या नहीं तो सुप्रिम कोर्ट ने इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं दिया था। हालांकि उसने कहा था कि दिल्ली में किसको आना चाहिए ओर किस पर रोक लगानी चाहिए ये सब दिल्ली पुलिस के फैसले पर निर्भर है। 26 जनवरी को किसान आने चाहिए या नहीं ये केंद्र सरकार यानी दिल्ली पुलिस तय करेगी न कि सुप्रिम कोर्ट।
सुप्रिम कोर्ट की इस सफाई के बाद दिल्ली के नए पुलिस मुख्यालय में अमित शाह और सभी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई, जिसमें दिल्ली की व्यवस्था कानून के ऊपर मंथन किया गया।
जानकारी के अनुसार इस बार 26 जनवरी और किसानों के ट्रैक्टर रैली की आड़ में आंतकवादी हमला होने की आंशका है। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के कई जगहों पर फरार आंतवादियों के नाम के पोस्टर लगा भी दिये है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने “रोहिंग्या घुसपैठ” के नाम से एक नए ऑपरेशन की शुरुआत की है। जिसके चलते 2 एफआईआर के साथ 8 रोहिंग्या पकड़े गए है। जिसके बाद पुलिस और मुसतैद हो गई है।