काव्या बजाज,संवाददाता
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत, दर्शन पाल और योगेंद्र यादव समेत 40 किसान नेताओं पर शिकंजा कसते हुए एफआइआर दर्ज किया है। एफआइआर में उनपर रैली में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही कोरोना के नियमों का उल्लंघन का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक किसानों को ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण ढंग से निकालने के लिए रूट तय किए गए थे और उसका समय निर्धारित था। बावजूद इसके परेड आक्रामक रैली में तब्दील हो गई और उसने पुलिस के सारे नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए हिंसा का रूप ले लिया था। रैली के दौरान नजारा कुछ और ही देखने को मिला। इस रैली में आंदोलनकारी किसान सरकारी संपत्ति के साथ तलवारें, लाठियां और डंडे से पुलिसकर्मियों पर वार करते रहे और पुलिस ने किसी तरह से अपना बचाव किया। आंदोलनकारियों के आक्रामक रवैये से करीब 300 पुलिसकर्मी घायल हो गए है। जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। मानहानि के मामले की वजह से भी 35 एफआइआर दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस ने आइपीसी की धारा-395 (डकैती), 397 (डकैती, या डकैती, मौत या शिकायत पर चोट पहुंचाने की कोशिश), 120 इ (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने कहा है कि जांच के लिए एसआइटी गठित की जाएगी। दिल्ली दंगे की तरह किसान आंदोलन में हुए उपद्रव की भी जांच होगी। पुलिस सभी उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी में ऐसे हालात देखने को मिलेंगे ऐसा शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा। जितनी शांतिपूर्वक रैली की बात कही जा रही थी वह उतना ही उग्र था। इसे लेकर अधिकतर लोगों जहां देश को शर्मसार करने वाला कह, वहीं लोगों ने भारत पर हमला तक कह डाला।
दिल्ली के नांगलोई थाने में दर्ज किए गए एफआईआर में न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है, बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी एफआईआर में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे। इसी एफआईआर में योगेंद्र यादव का भी नाम है। इस मामले में 30 और एफआइआर दर्ज होने की बात कही जा रही है। उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में किसान नेता राकेश टिकैत, बलजीत सिंह रजवाल, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर उमराह, योगेंद्र यादव, गौतम सिंह चढूनी, सरवन सिंह पंधेर और सतनाम पन्नू समेत कई लोगों के नाम प्रमुख रुप से शामिल हैं। इन सभी किसान नेताओं पर ट्रैक्टर परेड के लिए तय किए गए नियम व शर्तों के उल्लंघन का आरोप है।
पूर्वी दिल्ली ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव में गाजीपुर थाने में तीन और पांडव नगर में एक एफआईआर दर्ज हुई है। गाजीपुर थाने में जिन उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज हुई है, उनमें किसान नेता राकेश टिकैत का नाम भी शामिल हैं। राकेश टिकैत के खिलाफ हत्या का प्रयास, दंगा, पुलिस पर हमला, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराएं लगाई गई है। किसानों के ट्रैक्टर परेड की आड़ में दिल्ली में उपद्रव करने के मामले उपद्रव के दौरान 300 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
अब तक इस मामले में पुलिस 200 लोगो को हिरासत में ले चुकी है। ये वो हैं जो उपद्रव के दौरान घायल हुए थे और अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए थे। पुलिस इन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लेगी। किसी उपद्रव को रोकने के लिए दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। जहां पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा लाल किला पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।