खुशबू काबरा, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने फर्जी कस्टमर केयर नंबर से ठगी के एक मामले को सुलझाते हुए आरोपी की गिफ्तारी भी कर ली। ठगी करने वाला झारखंड के जामताड़ा में बैठा था। सइबर क्राइम के ऑनलाइन फ्रॉड के इस मामले को मोहन गार्डन थाना पुलिस ने सुलझाया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के पास से 5 एटीएम कार्ड, दो पास बुक और एक चेकबुक मिली हैं। द्वारका डीसीपी संतोष कुमार मीणा के अनुसार ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार पीड़ितों के मामलों की छानबीन में पता चला कि उन्हें जामताड़ा के लोगों के जरिए फेक कॉल आ रही हैं, जिसमें कॉलर किसी ऐप को डाउनलोड करने को कहते हैं और फिर पीड़ित के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हो जाता है। यह अमाउंट आरोपी जामताड़ा एरिया के एटीएम से निकाल रहे थे। इस आकलन के बाद स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस के निर्देश पर जामताड़ा में रेड कर आरोपी को अरेस्ट किया गया।
सितंबर 2020 में जग नारायण ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह द्वारका मोड़ स्थित एटीएम से पैसे निकालने गए थे, लेकिन पैसे नहीं निकले। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट से कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा और कॉल कर जानकारी ली। कॉलर ने कोई ऐप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद उनके अकाउंट से एक लाख एक हजार रुपये ट्रांसफर हो गए। मोहन गार्डन थाने में शिकायत देने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
छानबीन में पता चला कि पश्चिम बंगाल के मोहम्मद सईम के पेटीएम में यह पैसा ट्रांसफर हुआ है। इसके बात पता चला कि यह अमाउंट पेटीएम से धनबाद के फेडरल बैंक के एक अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है। यह अकाउंट इनायत कलीम का है। जिसके बाद पुलिस टीम धनबाद, झारखंड पहुंची और सीसीटीवी, एटीएम कार्ड आदि की डीटेल लेकर आरोपी के अकाउंट का आकलन किया।
पता चला कि आरोपी ने 19 और 23 सितंबर को दो बार पीड़ित के अकाउंट से पैसे निकाले हैं। एटीएम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाले गए। जिसमें पता चला कि एक बार 40 हजार और दूसरी बार 60 हजार रुपये निकाले गए हैं। जिसके बाद इनायत कलीम के पते पर रेड की गई तो पता चला कि पता फर्जी है। जांच में सामने आया कि वह धनबाद के मुर्गाबनी गांव में रहता है। पुलिस ने इसके बाद उसके घर रेड कर उसे गिरफ्तार किया।
आरोपी ने बताया कि उसने इंटरनेट पर एक बैंक के कस्टमर केयर के नाम से प्रोफाइल जनरेट की। उस पर अपना फोन नंबर अपलोड किया। इसके बाद जब भी कोई इस कस्टमर केयर के नंबर पर फोन करता था, तो उसके मोबाइल पर कॉल आती थी। जिसके बाद वह फोन करने वाले को एक ऐप डाउनलोड करने को कहता था और उसकी मदद से उसके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लेता था। पुलिस को उसके 8 अलग-अलग बैंक अकाउंट मिले। इन अकाउंट की मदद से वह पैसा चीट करते थे। उसने बताया कि वह अपने ही गांव के मोहम्मद तैयब के साथ मिलकर यह काम करता है। इस रकम को निकालने के लिए वह एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करता था। जांच में पता चला कि मोहम्मद तैयब इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।