Friday, November 8, 2024
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किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुड़दंग और हिंसा, लाल किले पर फहराया अपना झंडा

शंभु सुमन, संवाददाता

नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड निकाला। उन्हें सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। वहीं पर करीब 100 किलोमीटर के दायरे में ट्रैक्टर परेड करना था। बावजूद इसके दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ते हुए हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली में घुस आए। इस सिलसिले में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच काफी झड़प हो गई। किसानों ने लाठियाँ भांजी, रॉड से पुलिस के वाहनों पर प्रहार किए, डीटीसी बस को क्षति पहुँचाई और तलवारें लहराते हुए पुलिस को हांक दिया। भीड़ को तितर-वितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया, किंतु इसका प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। वे लालकिले के प्राचीर तक जा पहुंचे। जहां वह लालकिले में घुस आए और अपना झंडा फहरा दिया।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले 62 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान उनकी सरकार के साथ 12 दौर की बातचीत (11 बार विज्ञान भवन में और एक बार अमित शाह के साथ) का कोई नतीजा नहीं निकला है। अभूतपूर्व ट्रैक्टर परेड से पहले किसान 8 दिसंबर को भारत बंद कर चुके हैं। किसानों की कोशिश है कि वे किसी तरह से सरकार पर अपना दबाव बना पाए। उन्होंने ट्रैक्टर परेड के बहाने दिल्ली में घुस कर 1 फरवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान संसद पर धावा बोलने का ऐलान भी किया है।

 
दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने केवल 5,000 ट्रैक्टरों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाज़त दी थी। पुलिस ने परेड के लिए शर्तों के साथ रूट तय किए थे। तय रूट पर ट्रैक्टर परेड की इजाज़त, भड़काऊ भाषण देने और हथियार रखने की मनाही थी। 5,000 लोगों को ही ट्रैक्टर परेड में शामिल होने की छूट दी गई थी तथा उन्हें गणतंत्र दिवस परेड के बाद ही ट्रैक्टर परेड निकालना था। इसके विपरीत किसान संगठनों ने दो लाख ट्रैक्टरों को परेड में शामिल करने का दावा किया था।  


किसान प्रदर्शनकारियों ने इन शर्तों की सिरे धज्जियाँ उड़ा दी और दिल्ली से सटे बॉर्डर पर जमे किसानों ने सुबह-सुबह ही बड़ी संख्या में अपनी परेड निकाल दी। उनके ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लगे हुए हैं। साथ में अधिकतर के साथ ट्रालियां भी जुड़ी थीं। उनपर लाठियाँ और तलवारें लहराते हुए सवार लोग कानून वापसी के नारेबाज़ी कर रहे थे। इस परेड को लेकर युवा किसान ही काफी जोश में थे। पुलिस ने रात से ही सीमाओं पर बैरिकेडिंग शुरू कर दी थी।


जैसे-जैसे सूरज आसमान में ऊपर उठता गया, वैसे-वैसे राजधानी में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों की उग्रता बढ़ती चली गई। एनएच-24 पर किसान रास्ते में बैरिकेड तोड़ हुए अक्षरधाम मंदिर की तरफ बढ़ गए। रास्ते में उन्होंने काफी उपद्रव मचाया। उन्होंने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले। इसी तरह से करनाल बाइपास पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ मिलकर घुड़सवार निहंगों ने पुलिस बैरिकेड पर हमला बोल दिया। उन्होंने किसानों के साथ पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले और खूब हंगामा किया। पुलिस ने पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश की, बात नहीं बनी तब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े।



नांगलोई में प्रदर्शनकारी किसानों के जत्थे नजफगढ़ की ओर तय रूट पर जाने की बजाय रोहतक रोड पर पीरागढ़ी की ओर बढ़ते देखे, उन्हें रोकने के लिए पुलिसवाले खुद ज़मीन पर बैठ गए। सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहादुरगढ़ से पीरागढ़ी मेट्रो सेवा तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई। पीरागढ़ी सहित इस रूट पर लगने वाले सभी स्टेशनों को बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारी राजधानी के मकरबा चौक पर पुलिस के वाहन पर चढ़ गए और पुलिस के बैरिकेड हटा दिए।  
उधर आईटीओ पर पुलिस हेडक्वार्टर के सामने भारी संख्या में प्रदर्शनकारी ने ट्रैक्टरों के साथ हंगामा किया। उन्होंने ट्रैक्टरों से बैरिकेड तोड़ दिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने यहां किसानों पर लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े। भीड़ को काबू करने के दौरान पांच-छह पुलिसकर्मी जख़्मी हो गए। वहीं, प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस वालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। झड़प के बीच दो मीडियाकर्मी भी घायल हो गए हैं। वहीं कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं। इसी के साथ किसानों का हुजूम लाल किला पर पहुंच गया। वे लाल किले के भीतर घुस गए। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपना पीले रंग का झंडा लहरा दिया।  

दिल्ली मेट्रो ने किए कुछ स्टेशन बंद

दिल्ली मेट्रो ने किसानों की ट्रैक्टर परेड और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद अपने कई स्टेशनों के गेट बंद कर दिए हैं। दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट कर बताया कि समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड़, जहांगीर पुरी, आदर्शनगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइन्स, इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट बंद कर दिए हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पांडव नगर के निकट भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई।

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर स्टंट करने के दौरान एक ट्रैक्टर पलट गया। इसमें दो लोग घायल हो गए। ट्रैक्टर पलटने के बाद वहां कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस की तरफ से लगाए गए बैरिकेडों को तोड़ दिया। इसके बाद किसान राजधानी में प्रवेश कर गए। इससे पहले किसानों की ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए राजधानी के करनाल बाईपास पर रातोंरात अस्थायी दीवार खड़ी कर दी गई थी।  


 
ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कुछ दिनों से जुट रहे थे। किसान अपने साथ राशन लेकर आए थे।  
दिल्ली के बॉर्डर पर जो किसान ट्रैक्टर परेड के लिए नहीं पहुंच पाए हैं वे स्थानीय स्तर पर रैली निकाली। राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में किसानों ने रैली निकाल कर ट्रैक्टर परेड को समर्थन दिया। 

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