संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
अशोक विहार।। किसी व्यक्ति का कद और काबिलियत क्या है, उसे कितने और कैसे लोग याद करते हैं, यह उसके जाने के बाद पता चलता है। अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान स्व. पवन गुप्ता की शोक सभा में कोरोना महामारी के बावजूद समाज और सियासत के बड़े- बड़े लोग जितनी तादाद में पहुंचे, उसने पवन गुप्ता की पहुंच, पकड़ और प्रभाव को भी सामने ला दिया।
मंगलवार को अशोक विहार स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित शोक सभा में सामाजिक, .धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख लोगों के साथ-साथ राजनीति से जुड़े प्रमुख लोग जितने बड़ी संख्या में पहुंचे, उतनी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी। गौरतलब है कि अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी में तीन बार प्रधान रहे पवन गुप्ता का एक जनवरी को आस्कमिक निधन हो गया था। जैसे ही यह खबर अग्रवाल समाज और पवन गुप्ता से जुड़े लोगों तक पहुंची तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ। वे लगातार लोगों के सम्पर्क में थे और अग्रसेन हॉस्पिटल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए पूरा समय दे रहे थे। जैसे ही उनकी मौत की खबर आयी सभी स्तब्ध थे। उनकी शोक सभा में पहुंचे लोगों के चेहरों पर दुःख के भाव साफ़ देखे जा रहे थे। शोक सभा में पंजाबी बाग़, पीतम पुरा, रोहिणी और दिल्ली के अलग अलग कोनों से शोक सभा में लोग पहुंचे। बड़ी संख्या में प्रमुख संस्थाओं ने अपने शोक सन्देश भेजे और खुद भी पहुंचे। ज्यादा लोग होने की वजह से शोक सभा को सम्बोधित करने समय सभी को नहीं मिल पाया। परन्तु जितने लोगों ने भी माइक से अपने मन के भाव प्रकट किये, उसका सार यही था पवन गुप्ता के बेहतरीन इंसान, सामाजिक कार्यों को समर्पित एक जुनूनी व्यक्ति थे। दबंगता, स्पष्टता, सच्चाई, साफगोई के साथ स्नेही व्यवहार वाले ऐसे व्यक्तित्व थे जो अाधिपत्य और अधिकार के भावना के साथ काम और व्यवहार करते थे।
प्रसिद्ध गायक पंकज जेसवानी के भजनों के बाद मंच संचालन करते हुए समाज सेवी और सोसाइटी के प्रमुख ट्रष्टी नन्द किशोर अग्रवाल ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वे उनके बचपन के साथी थे। खारी बावली की गलियों में वे खेले और बड़े हुए। वे एक दबंग व्यक्ति थे जो उन्होंने जो काम हाथ में लिया उसे पूरा किया। स्व. पवन गुप्ता से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से शोक सन्देश पढ़ते हुए उपप्रधान राजेंद्र गर्ग ने कहा कि वे रोज भवन में आकर बैठे और काम को देखते थे। अग्रसेन हॉस्पिटल को बड़ा और भव्य बनाना उनका सपना था जिसे उन्होंने 80 प्रतिशत तक पूरा किया। पवन भाई हमेशा उनके दिलों पर राज करेंगे। पंजाब बाग़ हॉस्पिटल के प्रधान अशोक गुप्ता ने भरे मन से भाव प्रकट करते हुए कहा कि वे जिससे मिलते थे उसे अपना बना लेते थे। जाने माने उद्योगपति अम्बिका स्टील वाले चंद्र प्रकाश ने कहा कि आज वे जो कुछ भी है स्व. पवन गुप्ता की वजह से ही है।
आज मेरा गुरु चला गया-सुधांशु मित्तल, वरिष्ठ बीजेपी नेता
उनके निधन पर राजनीति से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे। राजनीति जगत से जुड़े लोगों ने भी पवन गुप्ता को एक सफल रणनीतिकार बताया। देश बड़ी सियासी शख्शियत सुधांशु मित्तल ने तो उन्हें अपना राजनीतिक गुरु तक कह दिया। बहुत ही भावुक होते हुए सुधांशु मित्तल ने उन्हें याद करते हुए कि उन्होंने अपना राजनीतिक गुरु खो दिया। वज़ीर पुर से पूर्व विधायक डॉ. महेंद्र नागपाल ने भी उन्हें बड़ा रानीतिकार बताते हुए कहा कि उनके चुनाव में रात को फुर्सत में वे फ़ोन कर उन्हें टिप्स देते थे। उन्हें गाइड करते थे। बड़े बड़े नेताओं से कैसे बात करते हैं, यह उन्होंने पवन गुप्ता से सीखा। वज़ीर पुर के मौजूदा विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि उन्हें अब तक यकीन नहीं है कि वे हमें छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि उनका परिवार भी ऐसे ही समाज सेवा करता रहे।
बीजेपी नेता सतीश गर्ग स्व. बाउजी मांगेराम गर्ग पर वे हमसे ज्यादा अधिकार समझते थे। उनके सपने पूरे होने चाहिए। यही उनके लिए सच्ची श्रदांजलि होगी। नार्थ एमसीडी में नेता विपक्ष और स्थानीय निगम पार्षद विकास गोयल उनके निधन की सूचना को साल के शुरुआत की सबसे अशुभ सूचना बताया। सोसाइटी में सभी विरोधी लोग भी पहुंचे।. अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी में उनके चिर परिचित विरोधी कहे जाने वाले लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वे पवन गुप्ता की बारे में क्या कहते हैं, इस पर समाज को उत्सुकता थी परन्तु समय की कमी के चलते उनकी भूमिका केवल पुष्प अर्पित करने तक ही सीमित रह गयी। जो माहौल इस शोक सभा नजर आया उसने पवन गुप्ता के कद का अहसास करा दिया। राजनीति से जुड़े बड़े लोगों ने भी स्व. पवन गुप्ता अपना गुरु जो सभी ने लोहा मन साथ ही यह सवाल भी मन में उठे कि समाज में अब ऐसा रणनीतिकार और कलाकार अब कौन हैं जो उनकी जगह ले सके।