डिम्पल भारद्वाज, संवाददाता
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रस दल के नेता एवं वरिष्ठ निगम पार्षद श्री मुकेश गोयल ने बुधवार को सदन की बैठक में हुए हंगामे को आम आदमी पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी की मिलीभगत बताया है। उन्होंने कहा कि सदन में निगम कर्मियों की सेलरी के मुद्दे पर दोनों ही पार्टियां चर्चा करने से भाग रही हैं। यदि चर्चा होती है तो दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की सत्ता में बैठी दोनों पार्टियों की पोल खुल जाएगी। यही कारण है कि बुधवार को सदन की बैठक शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी और सत्ता पक्ष ने हंगामे के बीच एजेंडा पास कर दिया।
श्री मुकेश गोयल ने आगे कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत लगातार खस्ता होती जा रही है। ऐसे में दोनों ही दल कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं, इसकी वजह से जगह जगह कूड़े के ढेर लग गये हैं। हड़ताल की वजह से निगम के अस्पताल बंद पड़े हैं वहां गरीब और जरूरतमंद लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। निगम विद्यालयों के टीचर्स हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
श्री मुकेश गोयल ने मांग की है कि नगर निगम के सभी कर्मचारियों को दिसंबर महीने तक का अपटूडेट वेतन दिया जाए। अलग अलग विभागों के कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। अब वेतन देने की जो घोषणा की गई है वह भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। पेंशनर्स को भी केवल एक महीने की पेंशन जारी करने की बात की जा रही है। जबकि सबसे ज्यादा उन्हीं का पैसा रूका हुआ है। निगम के वर्तमान और पूर्व कर्मचारी भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में जब तक उन्हें पूरा वेतन और पेंशन नहीं दिया जाएगा, तब तक स्थिति सामान्य हो पाना मुश्किल है।