संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली।। क्या दिल्ली नगर निगम अपने सफाई कर्मचारियों को जबरन कोरोना वेक्सीन लगा रहा है। यह सवाल खड़े किये है केशव पुरम जोन के सफाई कर्मचारी की मौत ने आरोप है की 17 फरवरी को दिल के मरीज रमेश नाम के एक कर्मचारी को वेक्सीन लगाई थी। जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गयी और आज उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजनों और उसके साथियों का आरोप है की उसे जबरन वेक्सीन लगाने के लिए मजबूर किया। इस घटना के बाद दीपचंद बंधू हॉस्पिटल में भीड़ जमा हो गयी। आप विधायक और बीजेपी के पूर्व विधायक भी पहुंचे किसी ने जांच की बात की तो किसी ने मुआवजे की मामला चाहे जो लेकिन इस घटना के बाद से पहले से ही वेक्सिनेशन में आ रही दिक्कतें और बढ़ सकती है।
दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के एक सफाई कर्मचारी की मौत से ये सवाल फिर फिर खड़े हो गए है। दिल्ली के केशव पुरम जोन मैं तैनात 55 वर्षीय सफाई कर्मचारी ने 17 फरवरी को वेक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गयी और आज उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजनों का आरोप है की रमेश दिल का मरीज था और वह टिका नहीं लगवाना चाहता था। लेकिन उसके बड़ी अधिकारियों ने उस पर तरह – तरह से जबरन दबाव बनाया।जिसके चलते उसकी मौत हो गयी।
इस घटना के बाद मृतक के परिजनों और उसके साथी सफाई कर्मचारियों की भीड़ दीपचंद बंधू हॉस्पिटल में जमा हो गयी मौके और माहौल को देख आम आदमी पार्टी बीजेपी नेता भी पहुंच गये। किसी ने मुआवजे की मांग की तो किसी ने दोषी जाँच कर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। आम आदमी पार्टी ने तो निगम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बड़े अधिकारी पहले वेक्सीन क्यों नहीं लगते ? सफाई कर्मचारी क्या टेस्टिंग टूल है ?
विधायक राजेश गुप्ता का कहना था कि अगर इनको वेक्सिनेशन करनी है तो बड़े अधिकारीयों की कराये पहले नगर निगम में सफाई कर्मचारियों कोरोना काल में बहुत काम किया। यहाँ बीजेपी के नेता नहीं है पूर्व विधायक आये थे वे भी भाग गए।
मामला तूल पकड़ता देख एमसीडी के अधिकारी भी पहुंचे और इस बात से इंकार किया की किसी को जबरन वेक्सीन लगाई जा रही है। एमसीडी अधिकारी का कहना है की किसे लगवाया जाना यह देखना डॉक्टस का काम है। इस मौके पर दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग ने मुआवजे की मांग के साथ साथ वेक्सिनेशन कार्य को रोक देने की मांग तक कर डाली।
एमसीडी के सुप्रींटेंडेड सैनिटेशन के.सी. शर्मा ने कहां कि हमने कोई जबरदस्ती नहीं की 4500 लोगों को लगानी थी लेकिन 700 लोगों को ही वेक्सीन लगा पाई है।
आपको बता दे कि इस मामले को देखते हुए दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चैयरमैन संजय गहलोत भी पहुंचे जिनका कहना था कि हम एक करोड़ रुपये मुआवजे और आश्रित को एमसीडी में नौकरी की मांग कर रहे है साथ ही आयोग में जाकर इस पर रोक लगाने का आदेश देंगे।
गौरतलब है की वेक्सीन लगाने के अभियान में पहले चरण में प्रथम पंक्ति के यानी डॉक्टर्स ,पुलिस और सफाई कर्मचारी कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसे लेकर लोगों में उत्साह कितना है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की केशव पुरम जोन में 4500 सफाई कर्मचारियों को वेक्सीन लगानी है लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद यह आंकड़ा 15 दिन में केवल 700 तक ही पहुंचा है जाहिर है एक तरफ वेक्सिनेशन को लेकर उदासीनता है तो दूसरी तरफ ज्यादा से ज्यादा वेक्सीन लगाने का दबाव है। शायद यही दबाव सफाई कर्मचारी की मौत की वजह बताई जा रही है।