Friday, November 22, 2024
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दिल्ली -कांग्रेस की बैठक में पास तीन प्रस्ताव में अमित शाह और केजरीवाल का इस्तीफ़ा और राहुल गाँधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग 

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। दिल्ली और देश की बिगड़ते हालात, मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों पर चर्चा और विचार विमर्श के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में बुलाईं। बैठक में मौजूद नेताओं ने तीन प्रमुख प्रस्तावों को उच्च स्वर में सर्वसम्मति से पारित किया। प्रस्तावों में श्री राहुल गांधी जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा और दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और दिल्ली की वर्तमान स्थिति के लिए दोनो को जिम्मेदार ठहराते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्मंत्री अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की गई। बैठक में मुख्य अतिथि के रुप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी श्री शक्तिसिन्ह गोहिल मौजूद थे।

बैठक प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में बुलाईं बैठक

बैठक में सर्वप्रथम पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखजी, कांग्रेस के दिवंगत नेताओं अहमद पटेल जी, मोतीलाल वोरा जी, शौकत राणा एवं तरुण गोगई, सहित कार्यकर्ताओं, किसानों और कोरोना यौद्धाओं जिनकी पिछले कुछ महीनों में मृत्यु हुई थी, उनको श्रद्धाजंलि अपिर्त की गई। बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार, पूर्व विधायक, निगम पार्षद सहित वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद थे।

प्रथम प्रस्ताव में देश में अशांति और अलोकतांत्रिक राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए श्री राहुल गांधी जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालने का अनुरोध किया। आज कांग्रेस पार्टी को श्री राहुल गांधी जैसे गतिशील व शक्तिशाली नेता की जरुरत है, उनके नेतृत्व में सांप्रदायिक, सत्तावादी व अलोकतांत्रिक ताकतों का मुकाबला करके देश को विनाश के रास्ते पर जाने से रोका जा सकेगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों का संसद और संसद के बाहर जबरदस्त विरोध किया, और कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों का समर्थन किया, यह कृषि कानून देश के लिए विनाशकारी होगे, जबकि मोदी सरकार ने कुछ पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुचाने के लिए कानून बनाए है।

गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस्तीफे की मांग?

दो अन्य प्रस्तावों को भी सर्वसम्मति से निंदा की गई जिनमें केद्र में मोदी सरकार ने अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपति कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुॅचाने के लिए किसानों को कुचलने के लिए तीन कृषि कानूनों को संसद में पारित किया। और कोविड-19 महामारी संकट से निपटने में दिल्ली की अरविन्द सरकार की विफलताओं और दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान दोहरा मांपदंड अपनाया जबकि किसाना तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे है। प्रस्ताव में 26 जनवरी के दिन किसानां की शांतिपूर्ण ट्रेक्टर रैली के दौरान लाल किले और आईटीओ पर हिंसा फैलाने वाले आरोपियों को सजा दिलाने और गाजीपुर, सिंघू बार्डर पर आंदोलनकारी किसानों को जबरन हटाने के बारे में चर्चा हुई, जिसके लिए गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग भी की गई।

प्रस्तावों में यह भी कहा गया कि मोदी सरकार ने बिना किसान संगठनों और विपक्ष से विचार विमर्श करके तीन किसान विरोधी कृषि कानून पारित किए, जबकि मोदी सरकार बिना योजना के कोविड महामारी के कारण लगाए लॉकडाउन और लॉकडाउन को खोलने के कारण देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई।  प्रस्ताव में पिछले 7 वर्षों में अरविन्द सरकार ने दिल्ली को हर संभव तरीके से समय-समय पर बर्बाद किया, जिससे साबित होता है कि दिल्ली सरकार कोविड महामारी, प्रदूषण, बेरोजगारी, आर्थिक संकट एवं दिल्लीवालों की समस्याओं से निजात दिलाने में हर मोर्चे पर विफल रही। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि एक तरफ तो अरविन्द सरकार एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि कानूनों में से एक लागू करने के लिए अध्यादेश जारी करते है और दूसरी ओर अन्य विशेष विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री अरविन्द कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़कर नाटक करते है, जो केवल किसानों को आंदोलन के समय केवल बेवकूफ बनाने और गुमराह करने के लिए किया।

चौ0 अनिल कुमार ने पिछले दस महीनों में दिल्ली कांग्रेस द्वारा की गई कड़ी मेहनत का एक संक्षिप्त विवरण भी दिया, कोविड-19 महामारी लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की उनके गृह राज्य भेजने में मदद की थी, दिल्ली भर में 200 कांग्रेस की रसोई के द्वारा प्रतिदिन लगभग 50,000 जरुरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया और सूखा राशन भी लोगों को प्रदान किया गया। कुछ रसोईयों ने लगभग तीन महीने तक काम किया, जिसमें मुफ्त भोजन देने के लिए 25 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हुई। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के कार्यों की प्रशंसा करने के लिए श्री राहुल गांधी ने राजीव भवन का दौरा किया, और महामारी के दौरान दिल्ली कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

श्री शक्ति सिन्ह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिलजुलकर एकता के साथ काम करके संगठन को दिल्ली में मजबूत करने का है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के अच्छे काम के बारे में लोगों को बताना शुरु करना होगा और दिल्ली में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों और आम आदमी पार्टी की सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करना होगा। तो निगम चुनावों में हम मजबूती स्थिति में दोनो पार्टियों को मुकाबला कर पाऐंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की परम्परा रही है कि वह भाजपा और आम आदमी पार्टी के विपरित लोगों के कल्याण के लिए काम करती है। जबकि यह दोनो पार्टियां बिना कोई काम करे झूठ बोलकर लोगों को भ्रमित कर रही है।

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