संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली। एमसीडी का उपचुनाव कहने को भले ही लोकल चुनाव है, लेकिन इसमें जीत आप, भाजपा और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया है। यही कारण है कि उन्होंने अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए बड़े—बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। उपचुनाव में रोहिणी वार्ड 32 N में भी चुनाव प्रचार के दौरान 23 फरवरी को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यह सीट भाजपा के लिए कभी आसान नहीं रही। इसे देखते हुए उसने यहां अपने बड़े-बड़े स्टार प्रचारक मैदान में उतार दिए हैं। यहाँ बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के आने से मुकाबला चतुष्कोणिय हो गया है।
बवाना विधान सभा के वार्ड 32N रोहिणी सी सीट पर हो रहे नगर निगम उपचुनाव में मुकाबला मुख्यतया चार प्रत्याशियों के बीच है। मौजूदा विधायक जयभगवान् उपकार बीएसपी के पार्षद थे। उसके बाद पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक रामचंद्र की टिकट काट कर जयभगवान को थमा दी थी, और वे विधायक बन गए। उनकी जगह खाली हुयी सीट पर अब आम आदमी पार्टी ने यहां से अपने पूर्व विधायक रामचंद्र को प्रत्याशी बनाया है। ये दोनों ही बीएसपी से आप में शामिल हुए थे। अब बीएसपी भी नए उम्मीदवार के साथ जीत की उम्मीद लेकर मैदान में है।
कांग्रेस ने यहां से अपनी पूर्व पार्षद मेमवती बरवाला को प्रत्याशी बनाया है। इस वार्ड के साथ—साथ मेमवती का काफी प्रभाव है। यानी मुकाबला यहां चरो दलों के बीच है। सभी अपने-अपने मुद्दों और अपनी अपनी खासियत के साथ जीत का दावा कर रहे हैं।
अपनी जीत को लेकर आश्वस्त आप के उम्मीदवार रामचंद्र का कहना है कि में तो सीधा सादा हूँ। गाय हूँ, हमेशा आपके बीच रहूंगा। जब विधायक था तो काफी काम किये और अब फिर करूंगा।
इसी तरह से कांग्रेस की प्रत्याशी मेमवती बरवाला को भी काफी उम्मीद है कि उसकी ही जीत होगी। उनके मतदाता भले ही लोकल हों लेकिन निशाना भाजपा की केंद्र सरकार पर है। उनका कहना है कि सिलेंडर के बढ़े। दाम देखकर मुझे रोना आता है। कांग्रेस ने जो काम शुरू किए थे उसे आगे बढ़ाएंगे।
बीजेपी ने यहाँ राकेश गोयल को अपना उम्मीदवार बनाया है। गोयल पिछले निगम चुनाव में बहुत कम वोटों के अंतराल से हार गए थे। लिहाज़ा उन्हें पार्टी ने दोबारा मौक़ा मिला है। पार्टी ने बड़े नेताओं और स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। उनमें हंस राज हंस और मनोज तिवारी हैं। चुनावी सभाओं में चर्चा जहाँ इलाके की बदहाली और विकास पर होनी चाहिए थी, वहां भाजपा के निशाने पर केजरीवाल सरकार और उसके स्थानीय विधायक हैं उसके बाद वे प्रत्याशी पर निशाना साधते हैं। अपनी चुनावी सभाओं में भाजपा ने स्थानीय विधायक जयभगवान उपकार और रामचंद्र के बीच मतभेदों को जनसभाओं में ज्यादा उछाल रही हैं। साथ ही भाजपा आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है कि आप ने जिसे नक्कारा बताकर टिकट काटा अब उसी पर दाव लगा रही है।
भाजपा प्रत्याशी राकेश गोयल का कहना है कि एमपी फंड से सीवर लाइन दलवाऊंगा। आप से उम्मीद किसी काम का नहीं। इसलिए पार्टी ने उनकी टिकट काटी थी और अब फिर टिकट मिल गई है। इसी तरह से भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि आप विधायक और प्रत्याशी दोनों की आपस में बनती नहीं। आम आदमी पार्टी ने जिसे नाकाबिल समझा और टिकट काट दी उसी को फिर प्रत्याशी बना दिया। दोनों आपस में लड़ते रहते हैं।
कुल 65 हज़ार मतदातों वाली इस सीट पर दलित वोट करीब 60 प्रतिशत के साथ निर्णायक भूमिका में है। यहाँ सबसे ज्यादा वोट शाहबाद दौलत पुर स्लम एरिया में है। हालांकि रोहिणी के तीन सेक्टर 24 , 25 और 26 भी इसी वार्ड का हिस्सा है। यह सीट जितना बीजेपी के लिए हमेशा ही टेढ़ी खीर रहा है, लेकिन अब चतुष्कोणीय मुकाबले में बीजेपी अपनी जीत की संभावनाएं तलाश रही है।