Friday, November 8, 2024
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम और नेता सदन ने लिया बड़ा फैसला, नहीं टूटेगा चांदनी चौक का हनुमान मंदिर

नेहा राठौर, संवाददाता

नई दिल्ली। चांदनी चौक में दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 60 साल पुराने हनुमान मंदिर को तोड़े जाने को लेकर गुरुवार, 25 फरवरी 2021 को उत्तरी दिल्ली नगर निगम में हुई सदन की बैठक में मंदिर के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि हमारा देश सबका साथ और सबका विश्वास को लेकर चलने वाला देश है। पूरे विश्व के अंदर शायद ही ऐसा संगम देखने को मिलेगा, जहां किसी शहर के एक ही सड़क पर सभी धर्मों के पूजा स्थल स्थापित हों। उसी स्थान पर सड़क के किनारे सेन्ट्रलवर्ज पर 18 बिजली के ट्रांसफर्मर भी स्थापित है, इसी के साथ वहां मंदिर को भी स्थायी रूप से भव्य हनुमान मंदिर के रूप में स्थापित किया जा सकता है।

महापौर कार्यालय में सर्वदलीय बैठक

प्रस्ताव में मंगलवार, 23 फरवरी 2021 को महापौर कार्यालय में हुई सर्वदलीय बैठक का भी जिक्र किया गया है। उसमें कहा गया कि सभी दलों ने लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए मंदिर को नहीं तोड़ने की बात पर सहमति बनाई है। मंदिर के पुनः स्थापना के लिए सभी दलों ने आस्था और श्रद्धा प्रकट की है इसे प्रस्ताव में  देश के लिए एक मिसाल है और एकता का परिचायक बताया गया है।

इस पर कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद श्री मुकेश गोयल ने सदन की बैठक में प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अब यह दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत होने से बचाये। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब दिल्ली सरकार इसे पारित कर धार्मिक कमेटी को भेजे, ताकि हनुमान मंदिर के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं आये। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी से आग्रह करते हैं कि यदि आवश्यकता पड़े तो इस प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति दिलाएं।

प्रस्ताव पर सभी दलों की सहमति

प्रस्ताव में आखिरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि पक्ष व विपक्ष की राजनीति से उपर उठकर चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर को वर्तमान स्थिति में रहने दिये जाने के लिए सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया है और निगम आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि निगम द्वारा इस मंदिर में तोड़-फोड़ की कोई कार्रवाई नहीं की जाए और भविष्य में भी सभी धर्मों के पूजा स्थलों के प्रति सदभाव रखा जाए और इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के पास भी भेजा जाए कि वह अपने स्तर पर इस मंदिर में तोड़-फोड़ की कोई कार्रवाई न करे।

बता दें कि चांदनी चौक में 3 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली नगर निगम के बुल्डोज़र ने हनुमान मंदिर को तोड़ दिया था, जिसके बाद रातों रात लोगों ने एक स्टील के मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर तोड़े जाने पर लोगों का कहना था कि जब अन्य धार्मिक स्थानों के लिए छूट है तो मंदिर ही क्यों तोड़ा गया। आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने जनवरी में तड़के मंदिर को तोड़ा फिर वहां रखी मूर्तियों और अन्य चीजों को पास के मंदिर में रखवा दिया। वहीं, तोड़ फोड़ के दौरान निकले मलबे को भी तुरंत हटा दिया गया था। इसके बाद कुछ घंटे में वहां सड़क भी बना दी गई, जिससे मंदिर होने का कोई सबूत न रह जाए। 

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