डिम्पल भारद्वाज, संवाददाता
दिल्ली।। दिल्ली के त्रिनगर इलाके में किसान आंदोलन के समर्थन में सभा का आयोजन किया गया। कहने को तो इस सभा का नाम सर्व समाज दिया गया था। लेकिन इसमें ज्यादातर कांग्रेस नेता नजर आये। सभी ने एक स्वर में काले कानूनों की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है। इसमें शामिल लोगों का कहना था यदि इसे नहीं रोका गया तो देश में रसोई का बज़ट भी बिगड़ जाएगा।
देशभर में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन से अब आम जनता को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है। किसान आंदोलन के पक्ष में लगी पार्टियां पर्दे के पीछे से ही सही किसानों के समर्थन में अब शहर में भी सभा कर यह समझा रही है की यदि सरकार ने तीनों बिल वापस नहीं लिए तो इसका असर हर आम नागरिक और व्यापारी पर भी पडेगा। खाद्य वस्तुओं पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का कब्जा हो जाएगा और रसोई का बजट का बिगड़ जाएगा। दिल्ली के त्रिनगर में हो रही इस सभा का भी यह मकसद है। दिल्ली के त्रिनगर बस स्टैंड के पास हस्ताक्षर अभियान किया गया। इस सभा में कांग्रेस के पूर्व विधायक और नेता भी शामिल हुए। इनका कहना है की यह केवल किसानों का ही रोष नहीं है बल्कि आम जनता भी किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। उन्होंने 26 जनवरी को हुयी हिंसा पुलवामा हमले को भी एक साजिश बताकर जाँच की मांग की।
इस सभा में विदेश से आये एक सिख शख्स ने भी हिस्सा लिया और बताया जिन देशों में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग है वे भी भारत के किसान आंदोलन से प्रेरणा ले रहे है और अब विरोध करने लगे है। दिल्ली के त्रिनगर इलाके में हुय यह छोटी से सभा बड़ा सन्देश देर रही है। कांग्रेस और विपक्षी दल आम जनता को भी साफ़-साफ़ बता और समझा रही है की किसानों का आंदोलन केवल उनके हितों से जुड़ा मामला ही नहीं है बल्कि आम जनता भी इसका खामियाजा भुगतना पडेगा जाहिर है यह आंदोलन को अब दिल्ली की सीमाओं से अलग अब शहर शहर और गली गली तक ले जाने की तयारी की जा रही है।