संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
रोहिणी। दिल्ली के रोहिणी साउथ थाना पुलिस ने बाइक चोरी की एक वारदात की जांच करते हुए ऐसे शातिर वाहन चोरी तक पहुंची, जो गाड़ियां चोरी कर उन्हें काटकर ठिकाने लगता था। पुलिस ने इस गिरोह को गिरफ्तार कर वाहन चोरी की 27 वारदातों को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी की 4 बाइक और 23 बाइक के इंजन बरामद किये हैं। आरोपी 50 वर्षीय प्रदीप डबास उर्फ़ बॉबी नाम का यह शख्स मंगोल पूरी कलां का रहने वाला है।
रोहिणी साउथ थाना पुलिस को 24 फरवरी को बाइक चोरी की कॉल मिली थी। इस कॉल को पीएसआई गुरदीप सिंह हवाले कर मामला दर्ज़ किया और जांच शुरू की। रोहिणी में वाहन चोरी की बढ़ती वारदातों की रोकथान और धर-पकड़ के लिए रोहिणी साउथ पुलिस ने इसके लिए खास तौर पर टीम का गठन किया। इस टीम एसीपी रोहिणी प्रक्षय सिंह की सघन निगरानी और थाना अध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार की निगरानी में गठित इस टीम के सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह, हवलदार प्रदीप, राजू पल्वे, कुल भूषण, सिपाही बलजीत,आशीष ने जांच शुरू की और इस शातिर चोर को दबोच लिया। प्रदीप डबास उर्फ़ बॉबी के साथ दो शख्स और भी थे।
साउथ थाना पुलिस के प्रयास और तकनिकी सहायता से पुलिस मंगोलपुर कलां गांव में पहुंची। वहीं कुछ बाइकें खड़ी थीं। पुलिस ने पाया कि वहां काफी संख्या में बाइक के इंजन, कई नंबर प्लेट और स्पेयर पार्ट भी रखे हुए थे। इतने सारे इंजन और गाड़ियों के कबाड़ देखकर पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने इनके बारें में जब पूछताछ की तो प्रदीप डबास उर्फ़ बॉबी कोई संतोष जनक जबाब नहीं दे सका। पुलिस ने ज़िप नेट से नंबर प्लेट और इंजन नम्बरों को चेक किया तो ये सभी ऐसी बाईक के थे जो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से चोरी की गयी थी। पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि वहां खड़ी सभी बाइकें चोरी की थीं।
प्रदीप डबास नाम का यह आरोपी पर दो मामले एनडीपीएस एक्ट और एक आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज़ है। प्रदीप से पूछताछ में सामने आया कि यह और सुल्तान पूरी के रहने वाले इसके दो अन्य साथी रामा और गंजा विनोद दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से वाहन चोरी करते थे। पुलिस प्रदीप डबास को पुलिस हिरासत में लेकर उसके साथियों की धरपकड़ और चोरी के वाहनों की बरामदगी का प्रयस कर रही है।
आरोपी प्रदीप डबास आठवीं तक पढ़ा है। गरीबी और गलत संगत के चलते यह नशा करने लगा। पेशे से मैकेनिक होने के चलते यह चोरी की गाड़िओं के स्पेयर पार्ट्स बेचने लगा। मैकेनिक होने के कारन इस पर कोइ शक भी नहीं करता था। वह कुछ हज़ार में चोरी की बाइक खरीद लेता और उसके पुर्जे और कबाड़ को बेचकर अच्छी कमाई कर लेता था। लेकिन अब यह पुलिस के शिंकजे में है।
दिल्ली में बड़े पैमाने पर गाड़ियां और दुपहिया वाहन चोरी हो रही है, लेकिन पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद पुलिस चोरी की गाड़ियां बरामद नहीं कर पाती। ऐसे में पुलिस को इलाके में इस तरह मैकेनिक और गाड़ियौं के कबाड़ का काम करने वालों पर ख़ास नजर रखने की जरूरत है। यदि इन पर ध्यान रखा जाए तो वाहन चोरी की वारदातों में तो कमी आ सकती है साथ ही बरामदगी भी ज्यादा हो सकती है।