काव्या बजाज, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव को सेमीफाइनल के नजरिए से देखने वाले उम्मीदवारों की धुंआधार प्रचार के बाद 28 फरवरी को वोट डाले जाएंगें। जिसके लिए शुक्रवार को प्रचार प्रसार थम गया। सभी पार्टियों ने अपने – अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए पूरा दमखम लगा दिया। चुनावों से करीब एक महीना पहले ही जनसभा और पद यात्राओं का सिलसिला आरंभ कर दिया गया था। जिसके बीच में लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानने के साथ – साथ विपक्षी पार्टियों ने जमकर एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए गए।
कांग्रेस की जनसभा में बढ़ते पेट्रोल के दामों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया कि महंगाई की वजह से गृहस्थ लोगों को काफी परेशानियां हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री इस बात को कभी समझ नहीं सकते क्योंकि उन्हें गृहस्थ जीवन के बारे में जानकारी ही नहीं है। इस स्थिति में वे उनका दुख कभी भी समझ ही नहीं सकते। कांग्रेस ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा जनता की भावनाओं के साथ खेलकर सिर्फ उन्हें लूटने काम कर रहे हैं।
जबकि आप का कहना था कि भाजपा हमेशा से ही सिर्फ भगवान राम के नाम पर वोट मांगती आई है। इस वक्त भी वही काम कर रही है। उसके उम्मीदवार भगवान को भी राजनीति में लेकर आ गए हैं, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है। आम आदमी पार्टी सिर्फ और सिर्फ अपने काम पर वोट मांगती है। आगे भी जनता के लिए काम कर उन्ंही मुद्दों पर वोट मांगेगी।
भाजपा ने इन सभी आरोपों का जवाब देने के साथ – साथ आरोप लगाते हुए कहा कि न जाने कांग्रेस और आप को भगवान राम के नाम से चिढ़ क्यों हैं? वह एक सामुदाय के लोगों को लाभ देकर बाकी के लोगों को सुविधाओं से वंचित कर रहे हैं, जो बेहद अनुचित है। इन्हीं आरोप प्रत्यारोप के सिलसिले में अब MCD का सेमीफाइनल अपने अंतिम चरण में है। जिसमें देखने वाली बात यह होगी कि जनता किसके सिर पर जीत का ताज सजाती है।