Thursday, November 7, 2024
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किसान आंदोलन की आंच तेज कर रहे हैं नौजवान

खुशबू काबरा, संवाददाता

नई दिल्ली। राजधानी के सभी बोर्डर पर किसान आंदेलन के मशाल की लपटें तेजी से उठ रही है। उसकी आंच को तेज करने में नौजवानों की भूमिका अहम् हो गई है। किसानों की आवाज़ को बुलंद करे और आंदालन को आगे बढ़ाते हुए नौजवान बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उनमें अनूप सिंह चानौत और चरखी दादरी के अंकुर सांगवान मंदौला कल तक किसान आंदोलन के मात्र समर्थन में सबसे खड़े थे, वे अब टीकरी बार्डर पर हो रहे किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल हो गए हैं।

हिसार के गांव में रहने वाले अनूप सिंह मेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। जिस दिन उन्हें किसान आंदोलन का पंजाब से दिल्ली आने का पता चला, तो वे उसी समय बिना किसी की अनुमति के जंतर–मंतर पहुंच गए और किसानों के साथ समर्थन में खड़े हो गए। वहां से उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया। शाम को छूटने के बाद वे सिंघु बार्डर पहुंच गए ओर फिर 30 दिसम्बर को टीकरी बार्डर निकल गए।  बाद में उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा से मिलकर वालंटियरों की टीम बनाई और किसानों का नंबर जोड़ना शुरु कर दिया।

अनूप सिंह का कहना हैं कि किसान का बेटा होने के नाते वे किसान आंदोलन में जरुर अपना सहयोग देंगे। हम उनके साथ उनकी लड़ाई में खड़े रहेंगे। अब तक 72 हजार किसानों के नंबर वह जोड़ चुके हैं। जिसमें देश के नौजवान भी जुड़े हुए हैं। किसानों से जुड़े कोई भी जानकारी उनके द्वारा वाट्सएप ग्रुप पर साझा की जाती है।

ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि वैशाखी से पहले सरकार उनकी बात मान जाएगी और उनका काम हो जाएगा। उन्होंने 25 दिसम्बर से लेकर 30 दिसम्बर के बीच चरखी दादरी से लेकर दिल्ली के किसान घाट तक 150 किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाली थी। तभी उन्हें नांगलोई में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाद में पुलिस ने छोड़ा तो वह पूरी तरह टीकरी बॉर्डर पर किसानों की सेवा में लग गए। 

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