अविशा मिश्रा, संवाददाता
नई दिल्ली।। 20 मार्च यानी वो तारीख जब पिछले साल निर्भया के दोषियों को फांसी हुई थी और सात साल बाद ही सही पर निर्भया को इंसाफ मिला था।लेकिन अभी भी ऐसी कई निर्भया के माता-पिता हैं जो अपनी बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए सिसकियां भर रहे हैं। दिल्ली के द्वारका इलाके में भी एक दंपती रहते हैं जिनकी 19 साल की बेटी के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी हुई और ये मामला कानून की चौखट पर कहीं अटका पड़ा है।
छावला गैंगरेप नाम से खबरों में दर्ज यह मामला 9 फरवरी 2012 का है। इसमें भी अपराध की भयावहता लगभग वैसी ही है, जो निर्भया केस के रूप में हर शख्स की आंख में दर्द और आक्रोश भर गई। लेकिन, अधूरे इंसाफ से आज भी उसके मां-बाप कष्ट में हैं। आपको बता दें कि आर्थिक तंगी ने दर्द को और बढ़ा दिया है। क्योंकि इस परेशानी को जो दूर करती, वो तो खुद इनसे दूर जा चुकी है। उनकी 19 साल की बेटी को भी वही दरिंदगी हमेशा के लिए खामोश कर गई, जिसने निर्भया केस के रूप में पूरे देश को दहला कर रख दिया था। घटना भी उसी साल की और निर्भया गैंगरेप केस से महज 10 महीने पहले दिल्ली की है।
पिछले नौ साल से यह दंपती अपनी बेटी के दरिंदों को फांसी पर चढ़ता देखने के लिए तड़प रहा है। दोषियों के लिए मौत की सजा हाई कोर्ट से करीब छह साल पहले पक्की भी हो चुकी है। अब न्याय अटका है तो सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर, जहां इस केस की सुनवाई लंबित है। अब देखना ये है कि आखिर कब इस ‘निर्भया’ को इंसाफ मिलता है।