संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली।। कोरोना के शुरुआती दौर में करीब 50 दिनों तक बंद रहने के बाद ट्रेनों का परिचालन दोबारा शुरू होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा, लेकिन कोरोना की मार से रेलवे अभी तक नहीं उबर पाया है। आपको बता दे कि ट्रेनें कम चल रहीं हैं, ऊपर से रही-सही कसर टिकटों के ने पूरी कर दी हम ऐसा इसलिए बोल रहे है क्योंकि ट्रेनों के दोबारा परिचलन से टिकट के दामों में ज्यादा बढ़ोतरी आई है। और नतीजा ये है कि रेलवे को अभी भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है, क्योंकि छोटे शहरों के आम लोगों के लिए ट्रेनों का सफर काफी महंगा हो गया है।
बता दे कि बड़ी तादाद में लोग अभी भी ट्रेनों में सफर करने से बच रहे हैं। हाल ही में शुरू हुई अनारक्षित ट्रेनों में भी कम ही यात्री सफर कर रहे हैं, क्योंकि इन्हें मेल/एक्सप्रेस कैटिगरी के तहत चलाया जा रहा है। इसकी वजह से इन ट्रेनों का किराया काफी बढ़ गया है, जो रोज यात्रा करने वालों की जेब पर बहुत भारी पड़ रहा है।
अगर कोई व्यक्ति महीने में 20 या 25 दिन भी पैसेंजर ट्रेन पकड़कर गाजियाबाद से दिल्ली आता-जाता है, तो पहले जहां उसका काम 400-500 रुपये में हो जाता था, अब उसे 1,200 से 1,500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इसी वजह से लोग अभी भी अनारक्षित ट्रेनों में सफर करने से बच रहे हैं। इसलिए, अनारक्षित टिकटों की बिक्री में भारी गिरावट आ गई है।