जूही तोमर, संवाददाता
नई दिल्ली।। चार महीने और 11 दौर की बातचीत के बाद भी न सरकार मान रही है और न किसान। कृषि कानूनों को रद्द कराने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद किया था, नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की ओर से किए गए भारत बंद का असर राजधानी में देखने को नहीं मिला। प्रमुख बाजारों से लेकर मार्ग खुले रहे व दिल्ली की रफ्तार नहीं थमी।
नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद शक्रवार सुबह 6 बजे से शुरु हुआ, जो शाम 6 बजे तक चला। बता दें कि इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में लोगो से दुकाने, बाजार, परिवाहन और दूसरे सर्वजनिक स्थानों को बंद रखने की अपील की थी जिसका असर ज़मीनी तौर पर दिल्ली में देखने नहीं मिला।
किसान नेताओं ने कहा है की भारत बंद में शामिल होने के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं की गई साथ ही साथ किसी तरह से शांति व्यवस्था भी नहीं बिगड़ने दी गई। भारत बंद के आह्वान को देखते हुए शुक्रवार सुबह से दिल्ली के प्रमुख बाजारों से लेकर मार्गों पर पुलिस व अर्द्धसैनिक बल तैनात रहा। हालांकि, किसान मोर्चा का कहना है कि विभिन्न छात्र संगठन, किसान संगठन व बार एसोसिएशन समेत राज्यों के विभिन्न प्रतिनिधियों ने भारत बंद को सफल बनाया इसके लिए संगठनों के नेता खुद भी नजर रखी। एसे में भारत बंद को लेकर दिल्ली पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट पर रही।