जूही तोमर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली के किसानों की गेहूं खरीद के मुद्दे पर भाजपा और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू है। गेंहू खरीद के मुद्दे पर भाजपा विधायकों व किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का दल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचा परंतु मुख्यमंत्री आवास के अंदर नहीं जाने दिया गया जिससे नाराज होकर विधायक और नेता सब धरने पर बैठ गए।
अपको बता दे की दिल्ली में गेहूं की खरीद को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। भाजपा विधायकों व किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का दल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचा मुख्यमंत्री आवास के अंदर जाने की आनुमती नही दी गई। भाजपा विधायकों का कहना है कि दिल्ली में किसानों को तीन सालों से गिरदावरी नहीं मिल रही है। किसानों को सर्टिफिकेट भी नहीं दिया जा रहा है जिससे कि एफसीआइ उनसे गेहूं खरीद सके। दरअसल, दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने दावा किया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा गेहूं की खरीद नहीं हो रही है। मंत्री के दावे को भाजपा विधायकों ने गलत बताया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि एफसीआइ द्वारा छह अप्रैल को गेहूं की खरीद शुरू की गई है। उन्होंने चुनौती दी कि इस विषय पर यदि उनका बयान गलत हुआ तो वह इस्तीफा देंगे । इसी मामले को लेकर लेकर शनिवार को वह अन्य विधायकों व किसानों नेताओं के साथ मुख्यमंत्री से मिलने गए थे।
दिल्ली सरकार के कृषि मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को नरेला मंडी पहुंचकर किसानों को सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने पर सहमति तो जताई, लेकिन साथ ही यह शर्त भी रख दी कि पहले एफसीआइ की ओर से नरेला मंडी में काउंटर खोला जाए। उधर, एफसीआइ की ओर से कहा गया है कि मंडी से मात्र 200 मीटर दूर गोदाम में खरीद केंद्र खुला है, किसान सर्टिफिकेट लेकर आएं और यहां गेहूं बेचें। वहीं मौके पर मौजूद अधिकारी ने कहा कि वह मंडी में काउंटर खोलने के लिए अधिकृत नहीं है। विजेंद्र गुप्ता का कहना है की दिल्ली की केजरीवाल सरकार एफसीआई को गेहूँ खरीदने से रोक रही है और हम इसका विरोध कर रहे है।