तेजस्विनी पटेल, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना महामारी की चौथी लहर के बीच एक बार फिर मरीजों की जान पर बन आई है। अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर होने के सरकारी दावों की पोल उस वक्त खुली जब 18 अस्पतालों में फोन करने के बाद भी कहीं आईसीयू बिस्तर खाली होने की जानकारी नहीं मिली।
दरअसल, राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों में 90 प्रतिशत वेंटिलेटर भरे गए हैं। 71 अस्पतालों में आईसीयू बेड नहीं है। वहीं, 59 अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं है। मंगलवार रात, रोहिणी सेक्टर 7 के निवासी उम्मेद सिंह कैंतुरा को संक्रमण के कारण आईसीयू बिस्तर की आवश्यकता थी, लेकिन उनके परिवार के सदस्य राजीव कुमार ने बताया कि अस्पताल में कहीं भी बिस्तर नहीं हैं। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पर्याप्त बेड उपलब्ध होने का दावा किया है।
दिल्ली सरकार की इस वेबसाइट पर कोरोना के मरीजों के लिए अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी दी गई है। वेबसाइट के अनुसार, राजधानी के अस्पतालों में 13,901 बेड हैं, जिनमें से 8340 भरे हुए हैं। जबकि 4751 बेड खाली हैं। इसी समय, वेंटिलेटर की स्थिति यह है कि 1168 में से 1058 भरे हुए हैं। जबकि 110 वेंटिलेटर खाली हैं।
हालांकि जब वेबसाइट पर दिए गए अस्पतालों के नंबर पर फोन करना शुरू किया तो दिल्ली सरकार के लोकनायक, राजीव गांधी और जीटीबी अस्पताल के फोन नंबर स्विच ऑफ थे। रात 11 बजे तक यह तीनों नंबर सेवा में नहीं थे।
इनके बाद वसंतकुंज स्थित फोर्टिस, इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर, इंद्रप्रस्थ अपोलो, शालीमार बाग स्थित फोर्टिस और मैक्स अस्पताल, पड़पड़गंज मैक्स, सर गंगाराम सिटी अस्पताल सहित 18 जगहों पर फोन किया गया लेकिन ज्यादातर अस्पतालों ने फोन नहीं उठाया। जबकि एक दो ने सॉरी कहते हुए फोन रख दिया।
वसंतकुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक उनके यहां इस वक्त 150 मरीजों की वेटिंग चल रही है। जबकि अपोलो और गंगाराम अस्पताल में भी यह वेटिंग 100 से अधिक है।