तेजस्विनी पटेल, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए जरूरी ऑक्सीजन पर भी सियासी खींचतान शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि ज्यादातर अस्पतालों में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने को है, जो बुधवार सुबह तक ही चलेगा। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने की प्रक्रिया चल रही है। कोई किल्लत नहीं होने देंगे।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर बुधवार सुबह तक सप्लाई सुचारू नहीं हुई तो हालात भयावह हो सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रात दस बजे ट्वीट किया कि राजधानी के जीटीबी अस्पताल में महज चार घंटे की ऑक्सीजन बची है। यहां लगभग 500 कोरोना मरीज भर्ती हैं। इसी तरह सर गंगाराम अस्पताल में भी ऑक्सीजन का स्टाक करीब-करीब खत्म होने को है।
दोनों ही अस्पतालों के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने ऑक्सीजन देने की गति को कुछ धीमा किया है, ताकि यह ज्यादा समय तक चल सके। दिल्ली सरकार के कोरोना एप के अनुसार, राजधानी के अस्पतालों में आईसीयू बेड तेजी से भरते जा रहे हैं। रात दस बजे केवल 30 बेड ही उपलब्ध थे।
वहीं, सिसोदिया ने शाम छह बजे एक नोट भी ट्विटर पर डाला, जिसके मुताबिक एलएनजेपी, दीनदयाल उपाध्याय, बुराड़ी, आंबेडकर, संजय गांधी, बीएल कपूर, मैक्स (पटपड़गंज) अस्पताल में 8 से 12 घंटे तक ही ऑक्सीजन मरीजों को दी जा सकेगी।
गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डीएस राणा ने कहा कि हमारे पास रात एक बजे तक का ही स्टॉक है। यहां कोविड के 485 बेड हैं, जिनमें से 475 पर मरीज हैं। 120 मरीज आईसीयू में हैं। केजरीवाल ने इमरजेंसी के हालात पर रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से दखल देने को भी कहा था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि अस्पतालों में किल्लत नहीं होगी। दिल्ली के अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने की प्रक्रिया चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 16 ट्रकों के जरिये ऑक्सीजन मिलेगी। हर ट्रक में 20 हजार किलो के आसपास ऑक्सीजन होगी। वहीं देर शाम बालाजी कैंसर एक्शन अस्पताल को दो ट्रक ऑक्सीजन प्राप्त हुई है। अस्पताल में 20 हजार किलो ऑक्सीजन उपलब्ध हो चुकी है।