Sunday, December 29, 2024
spot_img
Homeब्रेकिंग न्यूज़कोरोना से उबरने के बाद, अब म्यूकोयकोसिस का खतरा

कोरोना से उबरने के बाद, अब म्यूकोयकोसिस का खतरा

तेजस्विनी पटेल, संवाददाता

नई दिल्ली। कोरोना से उबरने के बाद, म्यूकोयकोसिस का जोखिम, मस्तिष्क तक पहुंचने और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए खतरा बन गया है। कोरोना से ठीक होने वाले रोगियों में म्यूकोयकोसिस के संक्रमण देखे जाते हैं। पिछले कुछ दिनों में गंगाराम अस्पताल में 6 ऐसे मरीज भर्ती हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक बहुत ही दुर्लभ संक्रमण है, लेकिन अब इसके मामले पहले की तुलना में बढ़ गए हैं। नाक से शुरू होने वाला यह फंगस इन्फेक्शन आंख और ब्रेन तक पहुंच जाता है और जानलेवा भी हो सकता है। डॉक्टर इसके बढ़ने की वजह अभी स्टेरॉइड्स के बहुत ज्यादा इस्तेमाल को भी मान रहे हैं।

गंगाराम अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉ। अजय स्वरूप ने कहा कि यह नया नहीं है, बल्कि पुराना और दुर्लभ संक्रमण है। पहले 6 महीनों में, एक या दो रोगी थे, लेकिन अभी अधिक रोगी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी पिछले साल कोरोना सीजन में भी देखी गई थी। डॉक्टर अजय स्वरूप का कहना है कि वर्तमान में, कोरोना के कई मामले देखे जा रहे हैं।इसके इलाज में स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल हो रहा है। बहुत से मरीज ऑक्सिजन सपोर्ट पर हैं। ऐसे में जो मरीज पहले से डायबिटिक हैं, उन्हें स्टेरॉइड्स देने से उनकी इम्यूनिटी और कम हो जाती है।

अभी कोरोना के दौरान म्यूकोयकोसिस के मामले अधिक आ रहे हैं क्योंकि कमजोर प्रतिरक्षा के कारण लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इसी समय, कोरोना के उपचार के दौरान, उनकी प्रतिरक्षा अधिक कमजोर हो जाती है और म्यूकोयकोसिस के आगे झुक जाती है। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना के मरीज़ों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड के कारण मरीज़ का शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसके अलावा, कुछ दवाएं रोगी की प्रतिरक्षा को भी दबा देती हैं। ऐसे हालात में मरीज को आसानी से यह फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। ये संक्रमित व्यक्ति के ब्रेन तक पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज की मौत का खतरा रहता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments