प्रियंका आंनद, संवाददाता
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के चलते दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में जहां अपनी परिक्षाओं को लेकर तनाव बढता जा रहा है तो वही दुसरी ओर रोजाना सोशल मीडिया, समाचार व टीवी पर कोरोना से बढ़ते मौत के आकडों कि खबर सुनकर उनके मन में मौत का खौफ भी बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर छात्र अपने अध्यापक से यही सवाल पुछते नज़र आ रहे है कि मैडम मुझे कोरोना तो नही हो गया, हमारी कक्षाए कब से शुरु होगी। कोरोना को लेकर उनमें डर इतना बढ़ गया है कि ज़रा सी खासी, जुखाम होने पर भी उनको घबराहट होने लगती है जिसके कारण डर, अकेलेपन, सिर दर्द की शिकायत और निन्द ना आने जैसी शिकायत भी बढ़ती जा रही है, और वह अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान नही लगा पा रहे है।
DU की काउंसलर प्रो. गीता सहारे का कहना है की कोरोना की पहली लहर के समय छात्रों में कोरोना के ठीक होने की उम्मीद थी और यह आश्वासन भी था कि अगले साल हालात सुधरेंगे और उनकी पढ़ाई सुचारु रुप से शुरु हो पाएगी लेकिन इस वर्ष ने उनकी चिन्ता और बढ़ा दी है। साथ ही उन्होने कहा की देश में मौत के बढ़ते आकंडों को देख कर चिन्ता का विषय दिन पर दिन बढता ही जा रहा है। अन्य राज्यों से आए और होस्टल में रह रहे छात्रों में यह समस्या काफी देखने को मिल रही है। यहा तक कि अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित कुछ छात्रों ने आत्महत्या भी कर ली है।
दूसरी लहर में विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी सब तनाव में हैं। माहामारी के कारण छात्र अपने दोस्तों, अध्यापकों को जाता देख रहे है। उनका कहना है की बढ़ते ल़ॉक्डाउन के कारण ना तो उनका यहा रहना उचित है और ना ही वह अपने घर वापस जा सकते है। सभी कॉलेज के हेल्थ केयर सेंटरों के पास छात्रों के फोन क़ॉल आ रहे है और वह उन्हें ध्यान, योग, अपने परिवार से विडियों कॉल करने की सलाह भी देते है ताकी छात्रों को हौसला बना रहे। अस्पतालों में बेडं की कमी होना, ऑक्सीज़न की कमी, दवाइयों का ना मिलना भी चिन्ता विषय बना हुआ है। हम यह उम्मीद करते है की जल्द ही इस कोरोना रुपी महामारी से छुटकारा मिलेगा और हमारे छात्रों की पढाई ठीक ढंग से शुरु हो पाएगी ताकी वह अपने भविष्य को एक नई दिशा दे सके।