मनोज सूर्यवंशी, संवाददाता
नई दिल्ली। देश इस कोरोना महामारी से त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस आपदा में जहाँ कुछ लोग बढ़-चढ़कर एक दूसरे की सेवा कर रहे हैं तो वही कुछ लोग इस आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। जिसका जीता जागता नजारा देखने को मिला दिल्ली से सटे फरीदाबाद में जहां क्राइम ब्रांच की टीम ने कोरोना के मरीजों के लिए संजीवनी माने जा रहे रेमडिसिवर के इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि 7 आरोपी अलग अलग निजी अस्पतालों में फार्मासिस्ट के तौर पर काम करते थे। अब पुलिस सभी को रिमांड पर लेकर और इंजेक्शन की रिकवरी के लिए पूछताछ कर रही है।
तस्वीरों में दिखाई दे रहे क्राइम ब्रांच सेक्टर 56 और बॉर्डर की गिरफ्त में यह वही सातों आरोपी है जिन्हें रेमडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया गया हैं। जी हां इनका चेहरा हम आपको भले ना दिखा पाएं लेकिन एक बात हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि यह कोरोना आपदा को अफसर बनाकर इस्तेमाल कर रहे थे और जिंदगी और मौत का सौदा कर रहे थे बता दें कि फिलहाल कोरोना के मरीजों के लिए रेमडिसिवर इंजेक्शन को संजीवनी माना जा रहा है और यह सातों इसी संजीवनी का मोटे दामों पर सौदा कर कालाबाजारी कर रहे थे।
डीसीपी क्राइम ब्रांच जय वीर राठी के मुताबिक सभी सातों आरोपी फरीदाबाद के अलग-अलग अस्पतालों में फार्मासिस्ट के तौर पर काम करते थे और वही अस्पतालों से कोरोना के मरीजों द्वारा लाए गए रेमडिसिवर इंजेक्शन को बचाकर उन्हें मोटे दामों पर बेचने का काम करते थे जिनकी कीमत साढ़े तीन हजार है उसे 18 से 20 हजार में बेच रहे थे जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी सूचना मिलने के बाद क्राइम ब्रांच बॉर्डर और सेक्टर 56 की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार किया है। फिलहाल इनसे 10 रेमडिसिवर रिसीवर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं इनसे अभी 10 रैमडिसेवर इंजेक्शन और बरामद करने हैं जिसके लिए इन्हें अभी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।