संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली। दिल्ली में कुछ निजी अस्पतालों ने कोरोना महामारी जैसी भीषण आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास इस कदर शुरू किया है की एक आईसीयू बेड के एक लाख रुपये से भी ज्यादा वसूल रहे हैं। ऐसे आरोप मरीजों के परिजन ही लगा रहे हैं. दिल्ली के एनकेएस अस्पताल पर भी ओवर चार्जिंग के आरोप लग रहे हैं।
यूं तो दिल्ली का एनकेएस अस्पताल महामारी के दुसरे दौर की शुरुआत से ही विवादों में रहा है और परिजन इनके ऊपर कभी लापरवाही, तो कभी ओवर चार्जिंग का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब इस अस्पताल में एक आईसीयू बेड के एक लाख रुपये रोजाना भी चार्ज किये जा रहे हैं. इतना ही नहीं, इलाज के नाम पर रोज हजारों रुपये की दवाइयों की लिस्ट थमा दी जाती है. निधि गोयल और उनके पति अस्पताल के इस रवैये से परेशान हैं, लेकिन उनके सामने कोई रास्ता नहीं। उनके बुजुर्ग माता पिता इसी अस्पताल के आईसीयू में बीते पाँच दिनों से ऐडमिट हैं। लेकिन अभी तक उनकी हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा. बिल के नाम पर अब तक अस्पताल को ये दस लाख रुपये दे चुके हैं.
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यह पहला मौका नहीं है जब महामारी के दौर में किसी निजी अस्पताल पर अमानवीय होने का आरोप लगा हो। लेकिन दिल्ली के गुलाबी बाग़ स्थित एनकेएस अस्पताल पर ये आरोप आये दिन लग रहे हैं।
एनकेएस अस्पताल पर उठ रहे इन गंभीर सवालों के बारे में हमने अस्पताल प्रबंधन से भी बातचीत करने की कोशिश की. अस्पताल के प्रवेश पर खड़े उनके स्टाफ के माध्यम से उन तक संवाद भी भेजा लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की चुप्पी भी इनकी भूमिका को संदेह के घेरे में जरूर ले जाते हैं।