तेजस्विनी पटेल, संवाददाता
नई दिल्ली। वैक्सीन की कमी के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला बोला है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि अगर कोवैक्सिन की दूसरी डोज उपलब्ध नहीं थी तो टीकाकरण का प्रचार प्रसार क्यों किया ? यदि आप भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन लोगों को समय पर उपलब्ध नहीं करा सकते हैं तो इतने टीकाकरण केंद्र नहीं खोले जाने चाहिए थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वह उन लोगों को दूसरी खुराक दे सकती है जिन्होंने 6 सप्ताह की समय सीमा समाप्त होने से पहले कोवैक्सिन की पहली खुराक ली है। इसके अलावा कोर्ट ने दो अन्य याचिकाओं के संबंध में भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर कहा है कि राजधानी में कोवेशील्ड और कोवैक्सिन की दूसरी खुराक उपलब्ध कराई जाए।
इससे पहले वह मोदी सरकार पर दिल्ली में वैक्सीन की कमी का आरोप लगाती रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र ने अपनी सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है।
केजरीवाल ने बताया था कि दिल्ली को हर महीने 80 लाख वैक्सीन की जरूरत है, लेकिन इसके मुकाबले मई में हमें सिर्फ 16 लाख टीके मिले हैं. केंद्र ने जून के लिए दिल्ली का कोटा और कम कर दिया है। जून में हमें सिर्फ 8 लाख टीके दिए जाएंगे। अगर केंद्र से हर महीने 8 लाख टीके मिलते हैं तो दिल्ली के युवाओं को वैक्सीन मिलने में 30 महीने से ज्यादा का समय लगेगा. तब तक यह पता नहीं चलता कि कितनी लहरें आएंगी और कितने लोग मरेंगे।