पुनीत गुप्ता, संवाददाता
संजय गाँधी ट्रांसपोर्ट नगर।। दिल्ली में कोरोना संकट काल में हड़ताल का मौसम चल रहा है. कभी किसान आंदोलन , कभी एमसीडी टीचर्स का प्रदर्शन, कभी व्यापारियों का आंदोलन और अब ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया की और से पुरे देश में काला दिवस बनाया गया। लॉकडाउन के कारण भारी संकट झेल रहे ऑपरेटर्स ने पर लगाम लगाने की मांग की है वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय मैनी का कहना है कि डीजल की लगातार बढ़ती कीमतें देश और प्रदेश में भारी पडऩे लगी हैं. ट्रांसपोर्ट, बस, टैक्सी व्यवसाइयों को डीजल की कीमतें बढ़ऩे की वजह से वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. बचत जीरो हो गई है।
लॉकडाउन-2 के कारण व्यापार धंधे बंद हैं. ट्रक, बस और टैक्सी वाहनों के खर्चे और बैंक की किश्त चालू है. ऐसे में घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. केन्द्र और राज्य सरकार को पेट्रोल डीजल मूल्य वृद्धि पर लगाम लगाना चाहिए.
ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव मदन डाबर ने कहा की में डीजल 97.00 रुपए प्रति लीटर हो गया है. लगातार मूल्य वृद्धि के कारण महंगाई और मालभाड़ा बढ़ने लगेंगे जिससे विभिन्न वस्तुओं की उत्पादन लागत और परिवहन लागत बढ़ जाएगी. इसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। कोरोना-2 संकट में रोजगार ठप होने के कारण लोगों को दोहरी मार पड़ रही है. पिछले एक वर्ष से पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. परिवहन व्यवसाई मानते हैं कि कोरोना के कारण पहले ही आम जनता परेशान है और हम आम जनता को और परेशान नहीं करना चाहते हैं. मगर पिछले एक सप्ताह के दौरान डीजल और पेट्रोल के मूल्य में प्रति लीटर आठ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है जो असहनीय है. इसलिए कोरोना काल में हम लोग विरोध करने के लिए हम मजबूर हो गए हैं. अब हम ट्रक,मालिक अपना संचालन ठप्प करने जा रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी विजय शर्मा का कहना है पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने से कीमतों पर अंकुश लग सकता है. कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर पेट्रोलियम कंपनियों को फायदा पहुंचाना और केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ज्यादा वेट टैक्स लगाकर मुनाफा कमाया जा रहा है. पेट्रोल, डीजल के मूल्य बढऩे से महंगाई बढ़ेगी और आम जनता पर मंहगाई का बोझ पड़ेगा।
एक ट्रक ड्राइवर ने कहा आज लोगों के घरों का बजट बुरी तरह से गड़बड़ाया हुआ है. सरकार को इस बारे में उचित कदम उठाने चाहिए. अंतराष्ट्रीय स्तर पर तो कच्चे तेल के दाम कम हो रहे हैं, लेकिन यहां पिछले कई दिन से डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. जो ठीक नहीं है. सरकार को प्रदेश के ट्रक, बस, टैक्सी संचालकों को तुंरत राहत देनी चाहिए. यदि सरकार ने वाहन मालिकों को राहत नहीं दी तो ट्रक, मालिक अपना परिवहन का काम बंद कर देंगे और चाय बेचने को मजबूर होंगे।