नेहा राठौर, संवाददाता
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर इलाके में पुलिस ने एक बच्चा चोर गैंग का भांडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गैंग में शामिल 4 महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। ये लोग अपहृत तीन साल के बच्चे को बेचने की कोशिश में थे।
जांच के दौरान पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, संदिग्ध लोगों और पड़ोसियों से पूछताछ की, संदिग्ध फोन नंबर्स की जांच की, जिस जगह पर शक था उस जगह पर सूत्रों की तैनाती की, उसके बाद इन सभी आरोपियों को धर लिया।
दरअसल, 13 जुलाई को पुलिस को जानकारी मिली थी कि जहांगीरपुरी में मां-बेटी मिलकर एक अपहरण किए हुए बच्चे को बेचने की फिराक में बैठी हैं। इस मामले में पुलिस ने बुजुर्ग महिला राज रानी और उसकी बेटी अनुज रानी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान मां-बेटी ने बताया कि अपहृत बच्चा उन्हें एक सीमा नाम की लड़की ने दिया था।
उसके बाद सीमा को पकड़ा गया और उसने बताया कि ये बच्चा उसे मुकुंदपुर के रहने वाले सर्वेश ने दिया था। उसके बाद सर्वेश को गिरफ्तार किया गया और उसने बताया कि ये बच्चा उसे शिकायतकर्ता की पड़ोसी सुनीता ने दिया था। इस बच्चे के बदले उसने सुनीता को पूरे 70,000 रुपये देने का वादा किया था।
इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने अरपाध करने के पीछे का कारण कोरोना के कारण हो रही पैसों की परेशानी बताया। सुनीता ने इसी कारण अपने पड़ोसी का बच्चा अगवाह किया और उसे सर्वेश को बेच दिया। इस मामले में सर्वेश ने अपने साथ तीनों आरोपियों सीमा, राज रानी, अनुज रानी को भी शामिल कर लिया।
बता दें कि आरोपी सर्वेश एक ऑटो चालक है। वहीं, अनुज रानी 10वीं पास है और बाकी सभी आरोपी महिलाएं अनपढ़ और गृहिणियां हैं। इन चारों महिलाओं में से तीन विधवा हैं।