नेहा राठौर
कोरोना काल में राजधानी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में लैब टेक्निश्यनस ने गुरुवार की दोपहर प्रदर्शन मार्च कर केजरीवाल सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों से उनकी मांगे पूरी नहीं की जा रही है। काफी समय से उनकी फाइलें इधर से उधर घुमाई जा रही हैं। इस प्रोटेस्ट के दौरान सभी टेक्नीशियन्स ने अपने कोट में काले रिब्बन लगा रखे थे। साथ ही हाथों में अपनी मांगों के पोस्टर पकड़े हुए थे और दिल्ली सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
एक तरफ जहां देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं दुसरी तरफ कोरोना वॉरियर्स कहे जाने वाले लैब टेक्नीशियन प्रदर्शन मार्च पर उतर आए हैं। यह प्रदर्शन लगातार दो दिन से चल रहा है। इस प्रदर्शन के जरिए डॉक्टर्स और लैब टेक्नीशियन केजरीवाल सरकार का रुख अपनी मांगों की ओर करना चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों की मांगे है कि दिल्ली के सभी हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी में लैब केडर लगाया जाए, जो कि केंद्र सरकार द्वारा पहले ही लागू किया जा चुका है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने अभी तक इसे दिल्ली में लागू नहीं किया है।
उनकी अन्य मांगे फाइनेंशियल अपग्रेडेशन और महंगाई भत्ते को लेकर है। इस पर टेक्नीशियन ने बताया कि उन्होंने लगभग 6 साल पहले दिल्ली सरकार को लेटर भेजा था। जिसका अब तक उसका जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में हेल्थ मिनिस्टर से बोल चुके हैं, मुख्य सचिव को बोल चुके हैं, इतना ही नहीं इस बारे में हमने LG से भी बात की है। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। उन्होंने कहा टोक्यो खिलाड़ियों को वो तीन लाख रुपये दे रहे हैं लेकिन जो यहां जान अपनी जान पर खेल रहा है उसके लिए कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि इस महामारी में हमने कम से कम अपने 11 साथियों को खोया है। हम सरकार से सिर्फ अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं, इससे ज्यादा हमें कुछ नहीं चाहिए।
इसी के साथ डॉक्टर्स ने केजरीवाल सरकार को चेताते हुए कहा कि इस महामारी के बीच हम कोरोना मरीजों को तकलीफ नहीं देना चाहते हैं इसलिए फिलहाल काम बंद नहीं किया। लेकिन अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को बंद कर दिया जाएगा, किसी भी अस्पताल में काम नहीं होगा। बता दें कि ये प्रदर्शन दिल्ली के 38 अस्पतालों में जारी है। जिसमें पूरी दिल्ली के करीब 1500 लैब टेक्नीशियन शामिल है। अब देखना होगा कि दिल्ली सरकार इस मार्च के बाद उनकी मांगे पूरी करती है या नहीं?