-दिल्ली दर्पण टीवी दिल्ली।
दिल्ली। नार्थ वेस्ट जिला क्षेत्र में लूट की कुछ वारदातें क्या हुयी जिला पुलिस हरकत में आ गयी। बढ़ती वारदातों पर विराम लगाने के लिए गत रात डीसीपी सहित तमाम अडिशनल डीसीपी , एसीपी , थाना अध्यक्ष और इंस्पेक्टर सहित तमाम पुलिस रात 9 जुलाई को भर सडकों पर गस्त करती रही। डीसीपी उषा रंगनानी सहित तमाम बड़े अधिकारी इलाकों में घूम -घूमकर सुरक्षा इंतजाम का जयादा लेते नजर आये। जो भी संदिग्ध नजर आये उससे पूछताछ कर उसे वेरिफाई किया गया।
इतने ज्यादा तादाद में खुद बड़े अधिकरियों को सडकों पर गश्त और लोगों को रोक टोक करते देख लोगों के चेहरों पर हैरानी और उत्सुकता के भाव देखे जा रहे थे। इस संयुक्त संघन रात्रि गश्त अभियान में संदिग्ध तलाशी अभियान भी शामिल रहा। इसमें जहांगीर पूरी जैसे इलाकों पर जोर रहा। इन इलाकों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को चेक किया गया। इस संघन अभियान का मकसद था की लोगों में सुरक्षा की भावना आये और खुद को सुरक्षित महसूस करें।
इस रात्रि पेट्रोलिंग में ऐसे स्थानों को भी देखा गया जहाँ अँधेरा रहता है.लूट और स्नेचिंग की वारदात की संभावना ऐसे इलाकों में ज्यादा रहती है। जिसे देखते हुए ERVs, QRTs & Motorcycles के साथ एंटी स्नैचिंग और एंटी रॉबरी पेट्रोल टीम को भी लगाया गया।
कहा जा सकता है की दिल्ली पुलिस में 9 जुलाई की रात शायद सबसे बड़ी पेट्रोलिंग की रात रही होगी। इसमें 1100 से ज्यादा पुलिस के जवान 65 मोटरसाइकल, 45 पिकेट की तैनात की गयी थी। सीसीटीवी के द्वारा निगरानी की जा रही थी। इतने बड़ी अभियान के बाद कोइ नतीजा न निकले यह भी बहुत अजीब होता। इस अभियान में 63 लोगो को प्रिवेंटिव एक्शन की धारा 107/ 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। 12 जुआरी धरे गए ,22 लोगों को सार्वजानिक स्थान पर शराब पीने और 42 लोगों को सार्वजानिक स्थान पर हंगामा करने के आरोप में पकड़ा गया। केवल इतना ही नहीं 14 इलाके के घोषित गिरफ्तार और 97 लावारिश वहां को जब्त किया गया। 3 केस एक्साइज और 3 मामले अवैध हथियार के दर्ज़ कर एक पिस्टल और दो बटनदार चाकू भी बरामद किये गए। 80 लोगों पर कोविड के चालान किये गए। सबसे बड़ी कामयाबी एक शातिर स्नेचर चोर से 60 मोबाइल , 6 लेपटॉप बरमाद किये गए। इस शख्स पर 13 मामले अलग अलग थानों में दर्ज़ है।
जाहिर है यह बहुत ही अच्छी मुहीम रही। समय समय पर यदि अचानक ऐसे अभियान चलते रहें तो शायद अपराधी इस इलाके से दूर ही रहेंगे। शायद यही इस अभियान का मकसद भी है।