बबीता चौरसिया
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में धीरे-धीरे प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। अगर प्रदूषण की समस्या ऐसे ही बढ़ती रही तो अगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता स्तर 200 पार हो जाएगा। प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए इस बार भी 15 अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) कुछ बदलावों के साथ लागू किया जा रहा है। दो सबसे बड़े बदलाव जो ग्रेप में दिखेंगे वह यह है कि दिल्ली-एनसीआर के होटल, रेस्तरां, ढाबों आदि में लकड़ी या कोयले का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेंगा।
प्रदूषण के मद्देनजर मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) में ग्रेप को लेकर पहली मीटिंग हुई। यह मीटिंग विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसे सीपीसीबी के मेम्बर सेकेट्री प्रशांत गार्गव की अध्यक्षता में किया गया। मौसम विभाग के प्रतिनिधि डा. वीके सोनी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से धीमी हवाएं चल रही थीं, लेकिन बुधवार से इसमें सुधार होने की संभावना है।
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अभी अगले दो दिनों तक उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा आने की संभावना है और उसके बाद दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलेंगी। 17 व 18 अक्टूबर को हल्ली बारिश होने की संभावना है। अगले चार पांच दिनों तक एयर इंडेक्स मध्यम या संतोषजनक श्रेणी में रहने की संभावना है।
बोर्ड ने अभी प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए बेहद खराब स्थिति से बचने के लिए 15 अक्टूबर से कुछ नियमों को लागू किया हैं ताकि प्रदूषण के स्तर को जल्दी बढ़ने से रोका जा सकें।
दिल्ली में 15 अक्टूबर से यह होगें यह नियम लागू
- एनसीआर के होटल, रंस्तरां, ढाबों, भोजनालयों में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए।
- मेट्रो और बस की सर्विस में होगा इजाफा।
- लैंडफिल और अन्य स्थानों पर कूड़ा जलाने वालों पर सख्ती की जाएगी। नियम का उल्लंघन करने वालों पर लगाया जाएगा भारी जुर्माना।
- उद्योगों और पावर प्लांट पर प्रदूषण कंट्रोल के नियमों को सख्ती से किया जाए पालन।
- एनजीटी के निर्देश पर दिल्ली एनसीआर के सभी ईंट-भट्ठे बंद रहेंगे।
- सड़कों के किनारें पानी का छिड़काव किया जाए और तकनीकी ढंग से सफाई की जाए।
- प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को जब्त किया जाए।
- पीयूसी मानदंडों का सख्ती से पालन हों।
- निर्माण साइटों पर धूल नियंत्रण के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
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