ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली। उत्तर-पश्चिम जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने तीन महीने पहलेअपराध पर अंकुश लगाने के लिए, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ और उनकी सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजस्विनी नाम से एक नई पहल की गई थी, जिसके अपराधों पर नियंत्रण के परिणामों का अभी इंतजार है। इसके लिए योजना की समीक्षा की जा रही है।
उत्तर.पश्चिम जिले में रहने, काम करने या आने.जाने वाली महिलाओं में आत्मविश्वास और साहस पैदा करने के लिए 10 जुलाई को शुरू हुई इस पहल में जहांगीरपुरी, शकरपुर और पीतमपुरा आवासीय क्षेत्रों के जेजे क्लस्टर, भलस्वा गांव, मार्केट, मॉल कॉम्प्लेक्स, मेट्रो स्टेशन, स्कूल और कॉलेज आदि शामिल हैं। इसके तहत अपराध प्रभावित और संवेदनशील बीट क्षेत्रों में 46 महिला बीट कांस्टेबलों को तैनात किया गया था।
इस पहल को तेजस्विनी उत्तर.पश्चिम जिले की महिला केंद्रित सुरक्षा और अधिकारिता पहल नाम दिया गया था।
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डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों और महिला वरिष्ठ नागरिकों तक पहुंचना और उत्तर.पश्चिम जिले में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना है। इस प्रकार इस तरह के अनुकूल माहौल बनाना जहां वे इन महिला कांस्टेबलों के साथ बातचीत करते समय घर जैसा महसूस करते हैं।
उनका कहना है कि एक तरफ वे शिकायतों की जांच करते हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की जांच में सहायता करते हैं। दूसरी तरफ वे जिले भर में बाल अनुकूल पुलिस के कैडर का निर्माण करके छोटे बच्चों की सुरक्षा को भी पूरा करते हैं। चूंकि इस परियोजना के कार्यान्वयन के 3 महीने बीत चुके हैं इसलिए इस पहल की प्रगति की समीक्षा करने और इसका जायजा लेने और प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त करने का समय आ गया है।
डीसीपी उत्तर-पश्चिम उषा रंगनानी ने कई बैठकें, बातचीत और ओपन हाउस आयोजित किए।
उनके अनुसार यह एक मजबूत प्रशासनिक संरचना द्वारा संचालित है। जिसमें परामर्श, ध्यान और आत्मरक्षा रणनीति और प्रशिक्षण जैसी विशेष सेवाएं शामिल हैं।
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